शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में ‘अपमानपूर्ण’ लेख छपने के मामले में हाजिर नहीं होने पर बिहार की एक अदालत द्वारा संपत्ति कुर्क करने के आदेश पर पार्टी प्रमुख बाल ठाकरे ने कहा कि उनकी असली संपत्ति लाखों शिवसैनिक हैं.
ठाकरे ने ‘सामना’ में छपे संपादकीय में लिखा, ‘‘मेरी असली संपत्ति लाखों शिव सैनिक और मराठी मानुष हैं, जो जंग के मेरे आह्वान पर तैयार रहते हैं. क्या कोई इस संपत्ति को कुर्क कर सकता है? इस तरह का कानून और अदालत अब तक नहीं है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘श्रद्धालु शिरडी के फकीर साईंबाबा के लिए सोने का मुकुट और सोने का सिंहासन दान में देते हैं...मेरा जीवन उसी फकीर की तरह है. मुझे काफी धन मिलता है, लेकिन मैं इसे सड़ाने के लिए स्विस बैंक में नहीं रखता और गरीबों की मदद करता हूं.’’
ठाकरे ने अपने पिता प्रबोधांकर ठाकरे को याद करते हुए कहा कि उनके पिता ने उनके घर आने वाले लोगों के जूते-चप्पलों का ढेर दिखाते हुए कहा था कि यह ‘असली संपत्ति’ है.
शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने कहा, ‘‘अब अगर कोई इस संपत्ति को कुर्क करने आता है तो यह चप्पल हथियार होगी और मराठी गौरव की छाप उसके चेहरे पर होगी.’’
ठाकरे की प्रतिक्रिया से पहले शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने अदालत के इस आदेश को ‘सदी का सबसे बड़ा मजाक’ बताया था. गौरतलब है कि संभागीय सहायक न्यायिक मजिस्ट्रेट एसबीएम त्रिपाठी ने अधिवक्ता राजेश कुमार सिंह द्वारा सात मार्च 2008 को दर्ज कराई गई शिकायत के संबंध में 27 जून को ठाकरे की संपत्ति कुर्क करने के लिए वारंट जारी किया था.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि ‘सामना’ में छपे ठाकरे के लेख ने ‘करोड़ों बिहारियों’ की भावनाओं को आहत किया है.