केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि न्याय पालिका और कार्यपालिका के बीच शक्तियों के विभाजन को लेकर ‘स्वस्थ तनाव’ है लेकिन आखिरकार अंतिम फैसला न्यायाधीश का होता है.
खुर्शीद ने कहा कि न्यायाधीश के सामने बहुत चुनौतियां होती हैं खासकर लोकतंत्र में, क्योंकि देश में शक्तियों का विभाजन होता है और इसी के साथ नेता होते हैं जो मतदाताओं और राजनीतिक प्रणाली के प्रति जवाबदेह होते हैं. उन्होंने कहा कि संविधान विधायिका और न्यायपालिका के क्षेत्रों के बारे में बताता है.
विधि मंत्री ने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि सीमा रेखा कहां खींचनी है यह कैसे तय किया जाए. अंतत: यह फैसला न्यायाधीश द्वारा किया जाता है.