भारतीय टेनिस को झकझोर देने वाले चयन विवाद को हर ओलंपिक से पहले सामने आने वाली ‘बकवास’ बताते हुए लिएंडर पेस ने कहा कि निराश होने के बावजूद उनका पूरा ध्यान खेल पर है, राजनीति पर नहीं.
भारत का नंबर एक युगल खिलाड़ी होने के बावजूद विष्णु वर्धन जैसे जूनियर खिलाड़ी के साथ जोड़ी बनाए जाने से खफा पेस ने ओलंपिक के बहिष्कार की धमकी दी थी.
पेस के मनचाहे जोड़ीदारों महेश भूपति और रोहन बोपन्ना ने उनके साथ खेलने से इनकार कर दिया. वहीं मिश्रित युगल में उनकी जोड़ीदार सानिया मिर्जा ने भी पेस को निशाना बनाते हुए कहा कि उन्हें मनाने के लिए उसका इस्तेमाल ‘चारे’ की तरह किया गया है.
पेस ने कहा कि यह विवाद निराशाजनक है लेकिन उनका ध्यान अपने खेल पर है. चेक गणराज्य के राडेक स्टीपानेक के साथ विम्बलडन में पहले दौर का मैच जीतने के बाद उन्होंने कहा, 'मैं यहां खेलने आया हूं, राजनीति करने नहीं.’ उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि खेल में खेल हो रहा है. यह निराशाजनक है. मैं देश के लिए छठा ओलंपिक खेलना चाहता हूं. मैं 22 साल से देश के लिए खेल रहा हूं.' युगल
विश्व रैंकिंग में सातवें स्थान पर काबिज पेस को वर्धन के साथ जोड़ी पर भी ऐतराज नहीं है जो एटीपी रैंकिंग में 207वें स्थान पर है.
पेस ने कहा, 'मैं उसी टीम के साथ देश का प्रतिनिधित्व करुंगा जो अखिल भारतीय टेनिस संघ ने चुनी है.' सानिया के बयान के बारे में उन्होंने कहा, 'हर ओलंपिक के साथ कोई ना कोई बकवास सामने आती है.' पेस ने कहा, 'मुझे पता है कि मैंने कितनी मेहनत की है. मैं खुशकिस्मत हूं कि भारत इसका सम्मान करता है. जो लोग इसका सम्मान नहीं करते, यह उनकी समस्या है, मेरी नहीं.’