पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि चयनकर्ताओं को खराब प्रदर्शन करने वाले किसी खिलाड़ी को बाहर करने से नहीं डरना चाहिए लेकिन उन्होंने एशिया कप के लिये चुनी गयी टीम के चयन की आलोचना करने से इन्कार कर दिया.
अटकलें लगायी जा रही थी ऑस्ट्रेलिया में टीम के लचर प्रदर्शन को देखते हुए कुछ सीनियर खिलाड़ियों को बाहर किया जा सकता है. चयनकर्ताओं ने हालांकि टीम में कोई खास बदलाव नहीं किये.
गावस्कर से जब पूछा गया कि यदि किसी खिलाड़ी का प्रदर्शन अपेक्षानुरूप नहीं रहता है तो क्या उसे बाहर किया जाना चाहिए, उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर.’
उन्होंने एक प्राइवेट चैनल से कहा, ‘यदि आप ऐसा नहीं करते हो तो इसका मतलब होगा कि आप टेस्ट श्रृंखला 4-0 से गंवा सकते हो, आप कई मैच हार सकते हो लेकिन यह मायने नहीं रखता. इससे यही संदेश जाता है. यदि यही बात है तो हम क्रिकेट प्रेमियों को भविष्य में भी इस तरह के परिणामों के लिये तैयार रहना चाहिए.’
गावस्कर हालांकि टीम में कोई बदलाव नहीं करने के लिये चयनकर्ताओं की आलोचना करने के मूड में नहीं दिखे. उन्होंने कहा, ‘हमें इसे स्वीकार करना होगा. एक बार जब टीम चुन ली गयी है तो फिर उसकी आलोचना करना सही नहीं है. इससे उनके मनोबल पर असर पड़ेगा. यदि वे प्रदर्शन नहीं करते तो फिर खिलाड़ियों की आलोचना होनी चाहिए.’
चयनकर्ताओं ने वीरेंद्र सहवाग और जहीर खान को ‘आराम’ दिया लेकिन सचिन तेंदुलकर को टीम में बरकरार रखा जबकि विराट कोहली को उप कप्तान बनाया गया है.
गावस्कर ने कहा कि चयनकर्ता कोहली को अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपने से पहले उन्हें अनुभव हासिल करने के अधिक मौके देना चाहते हैं.
उन्होंने कहा, ‘यह उनके अच्छे प्रदर्शन का इनाम है. यह गौतम गंभीर के साथ थोड़ा अनुचित है. विराट में अभी काफी क्रिकेट है. वह भविष्य का भारतीय कप्तान है लेकिन उन्हें खुद को टीम में अच्छी तरह से स्थापित करना होगा. इस बीच उसे अनुभव दिलाना भी जरूरी है. इसलिए जब वह कप्तान बनेगा तो पूरी तरह से तैयार रहेगा.’