विश्व क्रिकेट के सबसे परिपक्व खिलाड़ियों में शुमार होने के बावजूद बतौर बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की सीखने की ललक अभी कम नहीं हुई है. टेस्ट क्रिकेट में 14000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज बने तेंदुलकर ने कहा कि बेहतर प्रदर्शन करने की उनकी ख्वाहिश उतनी ही पुरजोर है जितनी पहले थी.
तेंदुलकर ने ‘द गार्डियन’ में गुरुवार को प्रकाशित होने वाले इंटरव्यू में कहा, ‘मेरा फोकस बतौर बल्लेबाज बेहतर प्रदर्शन करते रहने पर है. मैं और प्रतिस्पर्धी कैसे हो सकता हूं. लगातार अच्छा कैसे खेल सकता हूं.’ बढ़ती उम्र के साथ इस 37 वर्षीय बल्लेबाज के खेल में और निखार आया है और उनका कहना है कि संन्यास की बजाय उनके सामने कई लक्ष्य पूरे करने के लिये बाकी हैं.
उन्होंने कहा, ‘सपनों के बिना जिंदगी बेनूर होती है. सपने देखना और उन्हें पूरा करना जरूरी है. इसी की वजह से मेरा प्रदर्शन बेहतर हुआ है. मैं हमेशा ऐसा करता रहूंगा.’ 50 टेस्ट शतक से एक शतक दूर तेंदुलकर ने कहा, ‘कोच गैरी कर्स्टन की इसमें अहम भूमिका रही. पिछले दो साल में हमने मिलकर मेरी बल्लेबाजी पर काफी मेहनत की है. उन्होंने मुझे खुद को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता दी और फिटनेस पर भी मेहनत की. गैरी कोच की बजाय दोस्त अधिक है.’ {mospagebreak}
उन्होंने 2010 को अपना सबसे ‘प्यारा साल’ बताया जिसमें उन्हें पहला आईसीसी सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर का पुरस्कार मिला और 2002 के बाद वह पहली बार बल्लेबाजी रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचे. आईपीएल में सर्वाधिक रन बनाने वाले तेंदुलकर ने श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैच में दोहरा शतक भी जमाया.
आस्ट्रेलिया के खिलाफ बैंगलोर टेस्ट में 214 और नाबाद 53 रन बनाकर वह 14000 टेस्ट रन पूरे करने वाले पहले बल्लेबाज बने. तेंदुलकर ने स्वीकार किया कि कुछ साल पहले वह खराब फार्म से जूझ रहे थे. उन्होंने कहा, ‘2005 और 2006 के दौरान मेरा फार्म खराब था लेकिन उस समय मैं फिटनेस समस्याओं से जूझ रहा था. मेरी उंगली और कोहनी में चोट थी. इसके बाद कमर में चोट लगी जिससे मेरी बैक स्विंग प्रभावित हुई. अब यह सब बीती बात हो चुकी है और मैं घंटो अभ्यास कर रहा हूं.’
तेंदुलकर ने विश्व कप 2011 जीतने की ख्वाहिश जताते हुए कहा कि क्रिकेटप्रेमी भारतीयों को टीम से अपनी धरती पर यह टूर्नामेंट जीतने की अपेक्षा होगी. उन्होंने कहा, ‘भारत में हर किसी को इसका इंतजार है. जल्दी ही इसके बारे में बातें भी शुरू हो जायेंगी. हमारे हालिया फार्म को देखते हुए हर किसी को टीम से अपेक्षायें रखने का हक है.’