विवादास्पद लोकपाल विधेयक पर सरकार और विपक्ष के बीच कुछ दौर के वार्तालाप के बाद भी सीबीआई को और अधिक स्वायत्तता देने तथा लोकपाल की नियुक्ति और उसे हटाने जैसे मुद्दे अभी गतिरोध का विषय बने हुए हैं.
सरकार ने लोकपाल विधेयक पर आम सहमति बनाने की कोशिश में विपक्ष के नेताओं से संपर्क साधा है और कुछ मुद्दों पर उनसे बातचीत की.
सूत्रों के अनुसार विपक्ष जहां इस बात पर जोर दे रहा है कि सीबीआई को सरकार के नियंत्रण से बाहर कर स्वायत्त किया जा सकता है वहीं सरकार एजेंसी को अलग करने के पक्ष में नहीं है.
कानून मंत्री सलमान खुर्शीद, मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल और संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली और माकपा नेता सीताराम येचुरी से इस मुद्दे पर गुफ्तगू की.
लोकसभा में संसद के शीतकालीन सत्र में लोकपाल विधेयक पारित हो गया था लेकिन उच्च सदन में यह अटक गया. इस पर केंद्रीय मंत्रिमंडल विचार-विमर्श कर सकता है.
सूत्रों ने कहा कि सरकार सीबीआई को स्वायत्त बनाने के पक्ष में नहीं है लेकिन वह विपक्ष के इस रुख से सहमत बताई जाती है कि एजेंसी के निदेशक की नियुक्ति एक कॉलेजियम द्वारा की जानी चाहिए.
विपक्ष ने यह मांग भी की कि लोकपाल का चुनाव करने वाली इकाई तटस्थ हो और उसमें सरकार की मौजूदगी और नियंत्रण कम से कम हो.