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लोकपाल: सर्वदलीय बैठक में नहीं बनी बात

लोकपाल विधेयक पर आमसहमति बनाने के प्रयास के तहत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक की.

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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह

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लोकपाल विधेयक पर आमसहमति बनाने के प्रयास के तहत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक की.

सूत्रों के अनुसार बजट सत्र के दूसरे हिस्‍से में लोकपाल बिल के पेश होने की उम्‍मीद है और 24 अप्रैल के बाद लोकपाल बिल राज्‍यसभा में पेश होगा.

माकपा नेता सीताराम येचुरी ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि सरकार प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ मिलकर आम सहमति कायम करेगी. सरकार इसी सत्र में विधेयक लाने के लिए प्रतिबद्ध है. लोकपाल विधेयक की वास्तविक शब्दावली को लेकर बजट सत्र के मध्य अंतराल वाले समय में सहमति बनाने का प्रयास होगा.

उन्होंने कहा कि विधेयक 30 मार्च को समाप्त हो रहे बजट सत्र के पहले चरण में विचारार्थ नहीं रखा जा सकता क्योंकि चालू वित्त वर्ष समाप्त होने से पहले बजट पारित करना आवश्यक है. येचुरी ने कहा कि विधेयक को दूसरे चरण में लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि बैठक में हालांकि इस बात पर सहमति थी कि राज्यों में लोकायुक्त होने चाहिए लेकिन यह भी कहा गया कि उनकी नियुक्ति राज्यों का विशेषाधिकार होना चाहिए.

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संप्रग के प्रमुख घटक तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक ने कहा कि लोकायुक्त नियुक्ति मामले में केन्द्र को राज्यों के अधिकारक्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. तृणमूल नेता सुखेन्दु राय ने कहा कि हम लोकपाल विधेयक के मौजूदा स्वरूप में लोकायुक्त की नियुक्ति के प्रावधान के खिलाफ हैं क्योंकि यह संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाएगा. सपा महासचिव मोहन सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार लोकपाल मुद्दे पर विपक्ष की तीन मांगे राज्यसभा की प्रवर समिति को भेजेगी.

राजद के राम कृपाल यादव और लोजपा के राम विलास पासवान ने हालांकि लोकपाल के गठन का विरोध किया. सीबीआई को लोकपाल के दायरे में लाये जाने के मुद्दे पर येचुरी ने कहा कि भ्रष्टाचार से जुडे सभी मसले लोकपाल के तहत आने चाहिए. यदि सीबीआई ऐसी कोई जांच करती है तो सीबीआई की भ्रष्टाचार रोधी इकाई लोकपाल के नियंत्रण में होनी चाहिए. येचुरी ने गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ), निगमित कंपनियों को भी लोकपाल के दायरे में लाने की मांग की.

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