लोकपाल विधेयक के 20 दिसम्बर को इन संकेतों के साथ लोकसभा में विचारार्थ आने की संभावना है कि प्रधानमंत्री को कुछ शर्तों के साथ इसके दायरे में लाया जा सकता है.
संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि विधेयक अब संसद के निचले सदन में मंजूरी के लिए 20 दिसम्बर को आ सकता है जिससे सदन के उपरी सदन को इस पर विचार के लिए पर्याप्त समय मिलेगा.
संसद का वर्तमान सत्र 22 दिसम्बर को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो जाएगा.
बंसल ने संकेत दिया कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में कुछ शर्तों के साथ लाया जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनकी निजी राय है कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए. विधेयक पर विचार विमर्श का सिलसिला तेज होगा जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह संप्रग नेताओं की बैठक में सहयोगी दलों के साथ इस मुद्दे पर बातचीत करेंगे.
इस बैठक में लोकपाल के मुद्दे पर सत्ताधारी गठबंधन का एकीकृत विचार ऐसे समय में सामने आने की संभावना है जब विपक्षी दलों और अन्ना हजारे ने ‘कमजोर’ विधेयक सामने लाने के लिए सरकार पर हमले तेज कर दिये हैं. यह विचार विमर्श प्रधानमंत्री की ओर से इस मुद्दे पर आयोजित सर्वदलीय बैठक से एक दिन पहले होगा. हालांकि कुछ विपक्षी दल शीतकालीन सत्र को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं लेकिन संप्रग नेता ऐसी संभावना से इनकार कर रहे हैं.
रविवार को जंतर मंतर पर कई राजनीतिक दलों ने लोकपाल विधेयक का ‘कमजोर’ मसौदा तैयार करने के लिए सरकार और संसद की स्थायी समिति की आलोचना की थी. इनमें से कुछ नेताओं ने तो अन्ना और उनके सहयोगियों से विधेयक के प्रति लचीला रुख अपनाने की अपील की.