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लंदन ओलंपिक खेलों की मशाल युनान में प्रज्जवलित

युनान के प्राचीन ओलंपिया में ओलंपिक मशाल प्रज्जवलित किये जाने के साथ ही जुलाई में होने जा रहे लंदन ओलंपिक खेलों की औपचारिक शुरुआत रंगारंग और पारंपरिक समारोह के साथ हो गयी.

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ओलंपिक मशाल
ओलंपिक मशाल

युनान के प्राचीन ओलंपिया में ओलंपिक मशाल प्रज्जवलित किये जाने के साथ ही जुलाई में होने जा रहे लंदन ओलंपिक खेलों की औपचारिक शुरुआत रंगारंग और पारंपरिक समारोह के साथ हो गयी.

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मशाल प्रज्जावलित समारोह के दौरान करीब ढाई हजार साल पुराने हेरा मंदिर में प्राचीन युनानी पोशाक में कलाकारों ने नृत्य पेश किया और इस अवसर पर मशाल सूरज की रोशनी से जलाई गयी. ओलंपिक खेलों की यह मशाल युनान और फिर ब्रिटेन का दौरा करेगी.

इस समारोह के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष जाक रोगे और लंदन ओलम्पिक खेलों की आयोजन समिति के अध्यक्ष सबेस्टियन को भी मौजूद थे.

सबेस्टियन को ने इस अवसर पर कहा, ‘हम वादा करते हैं हम मशाल के गौरव को इस तरह से बरकरार रखेंगे कि ब्रिटेन और पूरी दुनिया को इस पर गर्व हो सके.’

लंदन ओलंपिक खेलों की मशाल रिले के पहले धावक के रूप में युनान के लीवनपूल में जन्मे तैराक स्पायरस जियानियोटिस को सौंपी गयी. इस तैराक ने यह मशाल 19 साल के ब्रिटिश मुक्केबाज एलेक्जेंडर लुकोस को दी. इस समारोह के साथ ही एक सप्ताह तक चलने वाली मशाल रिले की शुरुआत हो गयी.

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यह मशाल यूनान के पांच प्रमुख पुरातात्विक एतिहासिल स्थलों का दौरा करने के बाद युनान के एतिहासिक ओलंपिक स्टेडियम जाएगी जहां 1896 में पहले आधुनिक ओलंपिक खेल आयोजित किये गये थे.

ब्रिटेन का एक प्रतिनिधिमंडल 17 मई को यह ओलंपिक मशाल ग्रहण करेगा.

लंदन ओलंपिक खेलों की मशाल ब्रिटेन और आयरलैंड का दौरा करने के बाद 27 जुलाई को लंदन ओलंपिक स्टेडियम ले जाई जाएगी जहां से इसका सीधा प्रसारण दुनिया भर में किया जाना है. इस बार मशाल को दुनिया के अन्य देश में नहीं ले जाया जा रहा है.

बीजिंग ओलंपिक खेलों में चीन विरोधी आंदोलनों के चलते इस मशाल को अन्य देशों में नहीं ले जाया जा रहा है. ब्रिटेन में इस मशाल की यात्रा 19 मई से शुरू होगी. यह मशाल ब्रिटेन में 12875 किलोमीटर का रास्ता तय करेगी. ब्रिटेन से बाहर एक मात्र देश आयरलैंड में यह मशाल 3 से 7 जून तक यात्रा करेगी.

मशाल ले जाने वालों में सात हजार से ज्यादा लोग शामिल होंगे जिसमें चोटी के खिलाड़ियों के आलावा सौ साल की महिला से लेकर अफगानिस्तान में घायल हुआ एक सैनिक भी शामिल है.

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