महंगाई बढ़ी है लेकिन क्या महंगाई से लोग इतने बेबस हो गए हैं कि फल और सब्जी खाना छोड़ दिया है या काफी कम कर दिया है? उद्योग जगत के संगठन एसौचेम के सर्वे में देश के आमलोगों की ऐसी ही बेबसी सामने आई है. फल और सब्जियों पर महीने का खर्च 5 गुणा हो गया तो लोग आखिर कर भी क्या सकते हैं.
महंगाई की मार पर भारी पड़ रहा राखी का व्यापार
बढ़ती महंगाई पर देश में हाहाकार मचा. लेकिन अब सामने आया है महंगाई का खौफनाक चेहरा. उद्योग जगत के संगठन एसोचैम ने जो सर्वे किया है, उससे आंकड़े चौंकाने वाले हैं.
महंगाई कितनी भी हो लेकिन क्या इंसान खाना-पीना छोड़ सकता है. लेकिन सर्वे के आंकड़े ऐसा ही हाल बता रहे हैं. 1000 महिलाओं और 1000 कर्मचारियों से ली गई राय के बाद एसोचैम के सर्वे में तैयार आंकड़ों के मुताबिक 3 साल में लोगों की पगार करीब 15 फीसदी बढ़ी है. जबकि फल और सब्जियों की कीमत 115 फीसदी बढ़ी.
रेपो और रिवर्स रेपो बढ़ा, ब्याज दरें और बढ़ेंगी
एसोचैम की रिपोर्ट बताती है कि, 5 साल पहले फल और सब्जियों पर 1000 रुपये से लेकर 1200 रुपये महीने का खर्च आता था. लेकिन अब फल और सब्जियों पर हर महीने 5000 रुपये खर्च हो रहा है.
सर्वे में 86 फीसदी लोगों ने कहा कि उनकी दाल रोटी मुश्किल होती जा रही है. एसोचैम के एजवाइजर ज्योतिर्मोय जैन का कहना है कि कई तरह की चीजें पहले ही आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं और अगर ऐसे ही चलता रहा तो और कई चीजें उसकी थाली से बाहर हो जाएंगे.
दिसंबर तक नहीं घटेगी महंगाई: केंद्र सरकार
इस कमरतोड़ महंगाई के बाद भी हाल ही में कई चीजों के दामों में इजाफा हुआ-
1. पिछले महीने रसोई गैस पर 50 रुपये बढ़ाए गए.
2. दूध की कीमत में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की गई.
3. इस साल पेट्रोल के दाम 7 रुपये प्रति लीटर बढ़ गए हैं, और अब
4. आरबीआई ने क्रेडिट पॉलिसी में ब्याज दरें आधी फीसदी बढ़ा दी यानी आम आदमी पर कर्ज का बोझ बढ़ाने का एक और इंतजाम.
ऐसे में, लोग फल-सब्जी और खाने-पीने की चीजों के मोहताज नहीं होंगे तो और क्या होगा.
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