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सेनाध्यक्ष के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग

थलसेनाध्यक्ष जनरल वी.के. सिंह और लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) तेजिंदर सिंह के बीच जारी विवाद बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय में पहुंच गया. तेजिंदर सिंह ने कथित रूप से सेना द्वारा रक्षा मंत्रालय के फोन की जासूसी करने में सेना प्रमुख की भूमिका की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है.

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जनरल वी.के. सिंह
जनरल वी.के. सिंह

थलसेनाध्यक्ष जनरल वी.के. सिंह और लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) तेजिंदर सिंह के बीच जारी विवाद बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय में पहुंच गया. तेजिंदर सिंह ने कथित रूप से सेना द्वारा रक्षा मंत्रालय के फोन की जासूसी करने में सेना प्रमुख की भूमिका की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है.

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ज्ञात हो कि जनरल वी.के. सिंह ने पिछले दिनों लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह पर आरोप लगाया कि टाट्रा ट्रकों के एक सौदे को मंजूरी देने के लिए उन्होंने रिश्वत की पेशकश की थी. सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल ने न्यायालय से मांग की है कि वह सीबीआई को जनरल वी.के. सिंह के आवास की तलाशी लेने और उन सभी दस्तावेजों को जब्त करने के निर्देश दे जो उनके जीवन और आजादी को खतरे में डाल सकते हैं. उन्होंने पद के दुरुपयोग, कदाचार एवं याचिकाकर्ता के विरुद्ध दोषारोपण के लिए जनरल वी.के. सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी मांग की.

तेजिंदर सिंह ने आरोप लगाया है कि जनरल वी.के. सिंह ने नक्सल प्रभावित इलाकों में अभियान चलाने के लिए सरकार द्वारा की गई सेना की मांग पर नक्सली समस्या के बारे में राजनीतिक बयान देकर सेवा नियमों का उल्लंघन किया था.

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सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल ने किसी शिकायत या कानूनी कार्रवाई शुरू किए जाने से पहले एक आम नागरिक के खिलाफ सरकारी अधिकारी द्वारा किए गए किसी दोषारोपण की रिपोर्टिग के सम्बंध में मीडिया के लिए दिशा-निर्देश की मांग भी की. तेजिंदर सिंह ने कहा है कि इस मामले में जनरल ने शिकायत दर्ज कराने से पूर्व मीडिया में उनके खिलाफ आरोप लगाए जो मौलिक अधिकार का हनन है.

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