सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को दायर एक जनहित याचिका में 2004 से 2011 के बीच हुए 194 कोयला ब्लॉक आवंटनों को रद्द करने की मांग की गई.
याचिका में कहा गया कि ये आवंटन असंवैधानिक हैं और मनमाने ढंग से किए गए हैं तथा इससे सरकारी खजाने को 160 लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है.
अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा द्वारा दायर इस याचिका में कैग की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है और अदालत से इस मामले की सीबीआई जांच कराने का निर्देश देने तथा इस पर निगरानी रखे जाने का आग्रह किया गया है.