ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक झिना हिकाका (37) का अपहरण करने वाले नक्सलियों ने सरकार को पांच अप्रैल तक अपनी मांगें मानने का अल्टीमेटम दिया है.
नक्सलियों ने अपना यह संदेश एक ऑडियो कैसेट के जरिये दिया है, जो कई पत्रकारों को भेजे गए हैं. वीडियो में 'चंद्रमौली' नाम के शख्स ने खुद को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी की आंध्र-ओडिशा सीमा क्षेत्र की समिति का सचिव बताते हुए सरकार को यह अल्टीमेटम दिया है.
कोरापुट तथा मल्कानगिरी जिलों से चासी मुलिया आदिवासी संघ (सीएमएएस) के कार्यकर्ताओं को झूठे मामले के आधार पर गिरफ्तार करने का आरोप लगाते हुए नक्सल नेता ने सरकार से कहा कि उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए. उसने हालांकि ऐसे लोगों के नाम नहीं बताए.
सीएमएएस मल्कानगिरी और कोरापुट जिलों में जनजातीय मामलों से संबंधित मुद्दों पर काम करती है. पुलिस का कहना है कि इस संगठन को नक्सलियों का समर्थन हासिल है.
हिकाका का नक्सलियों ने 24 मार्च को कोरापुट जिले के पहाड़ी इलाके से अपहरण कर लिया था.
उधर, नक्सलियों के एक अन्य गिरोह द्वारा 14 मार्च को अगवा किए गए इतावली नागरिक बोसुस्को पाओलो (54) के बारे में भी कोई सुराग नहीं मिल पाया है.
नक्सलियों के इस गिरोह के सरगना सब्यसाची पांडा उर्फ सुनील ने सोमवार देर रात नक्सल गतिविधियों के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए कुछ लोगों को रिहा करने की मांग की.
एक अन्य ऑडियो संदेश में पांडा ने ऐसे कई लोगों के नाम गिनाए हैं, जिनमें उसकी पत्नी सुभाश्री पांडा के अतिरिक्त जनजातीय अधिकारों के लिए लड़ने वाले गननाथ पात्रा और एक जनजातीय महिला आरती मांझी का नाम शामिल है.
सरकार पर नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाने का आरोप लगाते हुए पांडा ने चेतावनी दी, 'यदि ऐसा होता रहा तो इतावली नागरिक की जान को खतरा हो सकता है.'
खुद को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी की राज्य इकाई का सचिव बताने वाले पांडा ने इस सम्बंध में राज्य सरकार से लिखित आश्वासन भी मांगा.