कुछ संसद सदस्यों ने हिन्दी को सरल सम्पर्क भाषा बनाने का सुझाव दिया है, ताकि इसका दायरा और व्यापक बनाया जा सके.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘कुछ सदस्यों ने कहा है कि हिन्दी को और सरल रूप में पेश किया जाना चाहिए और इसके संस्कृतनिष्ठ होने से बचना चाहिए ताकि यह सरल सम्पर्क भाषा बन सके.’
सांसदों ने कहा कि ऐसे प्रयास होने चाहिए ताकि हिन्दी सरल रूप में उपयोग में लायी जाए और अधिक संस्कृतनिष्ठ नहीं हो. सांसदों ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय की परामर्श समिति की बैठक में अपने सुझाव रखे.
बैठक में भारतीय भाषाओं के विकास और विलुप्तप्राय भाषाओं के संरक्षण के मुद्दे पर चर्चा हुई. मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि इसके संरक्षण और इसे बढ़ावा देने के लिए बजटीय आवंटन पर्याप्त नहीं है.
एक सांसद ने कहा कि त्रिभाषा फार्मूले के अलावा छात्रों को चौथी भाषा पढ़ने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. कुछ सांसदों ने उर्दू के संरक्षण और लोकप्रिय बनाने के लिए संस्थागत व्यवस्था करने पर भी जोर दिया.