माधुरी गुप्ता अरसे से पाकिस्तान के लिए जासूसी करती रही औऱ किसी को भनक नहीं लगी. अब सुरक्षा एजेंसियां माधुरी से मिले सुरागों को पिरोने में जुटी हैं. हम आपको वो नौ सवाल बता रहे हैं जिनसे ये पता चलता है कि आखिर माधुरी ने ऐसा क्यों किया, उसका मोडस ऑपरेंडी क्या था.
माधुरी गुप्ता से पूछताछ में जो जानकारियां मिली हैं वो चौंकाने वाली हैं. माधुरी से यूं तो कई सवाल किए गए लेकिन यहां हम आपको दिखाते हैं वो नौ सवाल जिनके जवाब से खुलासा होता है कि आखिर माधुरी ने ऐसा क्यों औऱ कैसे किया.
सवाल नंबर-1: आप जासूसी के लिए सूचनाएं कैसे जुटाती थीं
जवाब- हाई कमीशन परिवार की तरह है. ज्यादातर स्टाफ एक दूसरे से परिवार की तरह जुड़े हैं. मैं कई स्टाफ को निजी तौर पर जानती थी. इनमें से जो संवेदनशील असाइनमेंटस देख रहे थे उनसे में अनौपचारिक बातचीत में सूचनाएं जान लेती थी और पाकिस्तानी जासूसों को बता देती थी.
सवाल नंबर-2: आप सूचनाएं कैसे ट्रांसफर करती थीं?
जवाब- मैं इन्हें ड्राफ्ट कर ईमेल कर देती थी.
सवाल नंबर-3: पाकिस्तानी जासूसों को ईमेल भेजने के लिए आप किस कंप्यूटर का इस्तेमाल करती थीं?
जवाब- मैं अपने घर का कंप्यूटर इस्तेमाल करती थी.
सवाल नंबर-4: आप पाकिस्तानी जासूसों के संपर्क में कैसे आईं? जवाब-मुझे एक पाकिस्तानी पत्रकार ने उनसे मिलवाया.
सवाल नंबर-5: आप किन पाकिस्तानी एजेंसियों के संपर्क में थीं?
जवाब-पाकिस्तान इंटेलिजेंस ब्यूरो.
सवाल नंबर-6: क्या आप आईएसआई के संपर्क में भी थीं?
जवाब- नहीं.
सवाल नंबर-7: आपने ऐसा क्यों किया? आपके रिटायर होने में सिर्फ 6 महीने बचे थे, आपका कैरियर भी अबतक अच्छा रहा है आप ग्रुप बी अफसर के लेवल पर आ गई थीं. फिर आपने देश का सौदा क्यों किया?
जवाब- मैंने पैसे के लिए ये सब नहीं किया. मैं आईएफएस अफसरों को सबक सिखाना चाहती थी. मेरे जैसे लोग सारा काम करते हैं फिर भी हमारे साथ गए निचले दर्जे का सलूक होता है. सवाल नंबर-8: तो आप ये कहना चाहती हैं कि सीक्रेट डील के बदले आपने कोई पैसा नहीं लिया?
जवाब- मैं आईएफएस अफसरों से हिसाब बराबर करना चाहती थी. मैं उन्हें दिखाना चाहती है कि वाकई वो कितने काबिल हैं. अगर इतने ही काबिल हैं तो फिर मैं दो साल से ये सब करती रही उन्हें पता कैसे नहीं चला.
सवाल नंबर-9: एक देशद्रोही होने के कलंक के साथ आप कैसे जी सकेंगी? यहां तक कि आपका भाई भी आपकी वजह से शर्मिंदा होगा.
जवाब- मैंने जो किया उसका मुझे कोई पछतावा नहीं. ये आपके लिए बड़ी बात होगी लेकिन मुझे अफसोस नहीं.