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मुंबई: BMC चुनावों में बीजेपी-शिवसेना की जीत

देश के सबसे समृद्ध स्थानीय निकाय ब्रह्नमुंबई नगर निगम पर नियंत्रण की कांग्रेस राकांपा की कोशिशें धूमिल होती नजर आ रहीं हैं क्योंकि चुनाव परिणामों में निकाय में सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा सबसे बड़े धड़े के रूप में उभरकर सामने आ रही है.

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बीएमसी चुनाव
बीएमसी चुनाव

देश के सबसे समृद्ध स्थानीय निकाय ब्रह्नमुंबई नगर निगम पर नियंत्रण की कांग्रेस राकांपा की कोशिशें धूमिल होती नजर आ रहीं हैं क्योंकि चुनाव परिणामों में निकाय में सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा सबसे बड़े धड़े के रूप में उभरकर सामने आ रही है.

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मुंबई के 227 वार्डों में 214 से अब तक प्राप्त चुनावों और रुझानों में शिवसेना 71, भाजपा 27, कांग्रेस 45, राकांपा 16, मनसे 27 और अन्य 27 सीटों पर आगे हैं या जीत चुके हैं. बीएमसी के परिणामों से त्रिशंकु नगर निगम के आसार नजर आ रहे हैं.

राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस-राकांपा 21,000 करोड़ से ज्यादा के वाषिर्क बजट वाले इस स्थानीय निकाय पर सत्तारूढ़ होने के लिए जरूरी सीटों के आधे आंकड़े के आसपास भी नजर नहीं आ रही है. बीएमसी का यह वाषिर्क बजट कई राज्यों से ज्यादा है.

लगता है मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने भगवा गठबंधन की 16 साल की अव्यवस्था से निकलने की मुंबईकरों की इच्छा का कुछ ज्यादा ही आकलन कर लिया. चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि परिणाम आने के बाद शिवसेना और उसके नेता बाल ठाकरे अप्रासंगिक हो जाएंगे. चव्हाण ने बीएमसी चुनावों में धर्मनिरपेक्ष मतों के बंटवारे से बचने के लिए कड़ी मशक्कत के बाद राकांपा के साथ गठबंधन किया था.

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मुंबई नगर निगम चुनावों के लिए चव्हाण को रांकापा के साथ गठजोड़ के लिए पिछले चुनावों के परिणामों ने प्रेरित किया. पिछली बार दोनों ने बीएमसी चुनाव अलग अलग लड़ा था, चव्हाण के अनुसार यदि दोनों मिल जाएं तो 132 सीटें पा सकते हैं.

चव्हाण ने कहा था, ‘इस तरह 227 सदस्यीय बीएमसी में 114 सीटों का बहुमत हासिल करना मुश्किल नहीं होगा.’ अब शिवसेना-भाजपा 100 के आंकड़े को पार करती नजर आ रही है. इससे लगता है कि शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे अपने चचरे भाई राज से समर्थन की अपील की बजाय अकेले 114 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के बारे में सोच सकते हैं.

ठाणे में भी शिवसेना-भाजपा गठबंधन कांग्रेस-राकांपा से आगे है. शिवसेना को 51 सीटे हासिल हुई हैं और भाजपा को सात, कांग्रेस ने अब तक 18 जबकि राकांपा ने 34 सीटे जीतीं हैं. मनसे को नौ, बसपा को दो और निर्दलीय उम्मीदवारों को आठ सीटों पर जीत हासिल हुई है.

नागपुर में सत्तारूढ़ भाजपा ने अब तक 14 सीटों पर जीत हासिल की है. कांग्रेस ने सात सीटें जीतीं हैं, जबकि राकांपा, शिवसेना, बसपा और मनसे को एक एक सीट मिली है. दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. नासिक में मनसे ने छह सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि कांग्रेस, राकांपा और भाजपा दोपहर तक पांच पांच सीटों पर बढ़त बनाए हुए थे. परिणाम आने पर भाजपा को दो सीटों पर सफलता मिली.

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पुणे के नतीजे राकांपा के लिए अच्छे नहीं रहे. पुणे में 152 सदस्यीय नगर निगम के नतीजों में मेयर मोहनसिंह राजपाल को उनके भाजपा प्रतिद्वंदी गणेश बिड़कर से पराजय का सामना करना पड़ा. पुणे में अब तक मनसे ने पांच, राकांपा ने सात, कांग्रेस ने तीन, भाजपा ने दो सीटों पर जीत हासिल की है.

रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के रामदास अठावले का शिवसेना-भाजपा गठबंधन से जुड़ने का फैसले से पार्टी को कोई खास फायदा नहीं हुआ क्योंकि ठाणे के 130 सदस्यीय नगर निगम में उसे अब तक महज एक सीट हासिल हुई है.

मुंबई की 227 सदस्यीय बीएमसी के अलावा शिवसेना-राकांपा ठाणे (130), उल्हासनगर (78), नासिक (122) और नागपुर (145) पर सत्तारूढ़ है जबकि कांग्रेस-राकांपा गठबंधन पुणे (152) और सोलापुर (102) पर काबिज है. राकांपा पिंपरी..चिंचवाड़ का नगर निगम पर सत्तारूढ़ है जबकि कांग्रेस अमरावती (87) पर काबिज है.

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