असम के गोलाघाट जिले में नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) में शनिवार को भयंकर आग लग गयी जिसकी उल्फा ने जिम्मेदारी ली.
रिफाइनरी के हाईड्रोजन क्रैकर संयंत्र क्षेत्र में छह बजकर 35 मिनट पर एक जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी और उसके बाद आगे की उंची उंची लपटें उठने लगीं जो 15-20 किलोमीटर दूर से भी देखी जा सकती थीं.
पीटीआई को भेजे ईमेल में उल्फा के केंद्रीय प्रचार समिति सदस्य जॉय असोम ने दावा किया है कि नसके संगठन ने अपने जारी सशस्त्र संघर्ष के तौर पर अपनी स्थापना दिवस के अवसर पर मैग्नेटिक टाइम उपकरण से यह धमाका किया.
हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि इस बात की कोई संभावना नहीं है कि यह विध्वंसक कार्रवाई हो क्योंकि आग संयंत्र क्षेत्र के मध्य में लगी और संभवत इसकी वजह तकनीकी गड़बडी हो. वैसे आग के सही कारण का पता चलना बाकी है.
उल्फा ने यह भी दावा किया कि उसने उसी उपकरण का उपयोग किया जो उसने पिछले साल दुलियाजान और गुवाहाटी रिफाइनरियों में किया था लेकिन उसके इस दावा का भी पुलिस और रिफाइनरी प्रशास ने खंडन किया और कहा कि जांच से यह बात सामने आयी कि दोनों ही मामलों में तकनीकी गड़बड़ी से आग लगी.
एनआरएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आग से कोई हताहत नहीं हुआ क्योंकि संयंत्र स्वचालित है और इस क्षेत्र में मानव संसाधन की कम से कम तैनाती है.
अधिकारी ने कहा कि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता आग बुझाना है और रिफाइनरी में तैनात दमकल गाड़ियां आग बुझाने में लगी हैं. वरिष्ठ पुलिस और नागरिक प्रशासन अधिकारी घटनाक्रम पर नजर रखने के लिए रिफाइनरी पहुंच गए हैं.