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पुलिस विद्रोह के बाद मालदीव के राष्ट्रपति का इस्‍तीफा

मालदीव में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित पहले राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कई सप्ताहों के राजनीतिक उथलपुथल के बाद पुलिस विद्रोह होने पर बाद मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

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मोहम्मद नशीद
मोहम्मद नशीद

मालदीव में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित पहले राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कई सप्ताहों के राजनीतिक उथलपुथल के बाद पुलिस विद्रोह होने पर बाद मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. राष्ट्रपति कार्यालय ने इस विद्रोह को तख्तापलट का प्रयास करार दिया है.

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मालदीव के वर्तमान उपराष्‍ट्रपति मोहम्मद वाहिद ने राष्‍ट्रपति पद की शपथ ली है. इसी बीच देश के मुख्य विपक्षी दल ने नशीद को सैन्य हिरासत में लिए जाने और उनपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाए जाने के आह्वान के मध्य उनके संवैधनिक अधिकारों की रक्षा की अपील की है.

नशीद ने कहा, ‘मौजूदा स्थिति में मैं इस्तीफा दे दूं, यही बेहतर रहेगा. मैं डंडे के जोर पर देश नहीं चलाना चाहता. मैं इस्तीफा दे रहा हूं.’ इससे पहले पुलिस ने सरकार का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों से हाथ मिला लिया. बाद में, उन्होंने सरकारी टेलीविजन पर कब्जा कर लिया एवं विपक्षी चैनल के रूप में प्रसारण शुरू कर दिया.

राजधानी में तीन सप्ताह से विरोध प्रदर्शन चल रहा है. सेना के प्रवक्ता कर्नल अब्दुल रहीम अब्दुल लतीफ ने बताया कि सैनिकों ने यहां प्रदर्शनकारियों और पुलिस पर आंसूगैस और रबड़ की गोलियां चलाई थीं. लतीफ ने कहा, ‘आधी रात के बाद ही छिटपुट झड़प शुरू हो गयी जो सुबह आठ बजे तक चली.’

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राष्ट्रपति कार्यालय के एक अधिकारी ने इस अशांति को पूर्व राष्ट्रपति मामून अब्दुल गय्यूम की तख्तापलट की कोशिश करार दी. नशीद ने वर्ष 2008 में देश के पहले लोकतांत्रिक राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें हरा दिया था. लतीफ ने कहा कि यह सेना की ओर से तख्तापलट बिल्कुल नहीं है. अलबत्ता, सुरक्षा बलों ने नशीद को इस्तीफा देने की सलाह दी. उन्होंने कहा, ‘यह तख्तापलट नहीं है. बिल्कुल ही नहीं है.’

बाद में उपराष्ट्रपति मोहम्मद वाहिद ने नये राष्ट्रपति का पदभार संभाला जबकि सरकार ने तीन लाख सुन्नी आबादी से शांति बनाए रखने की अपील की है. विपक्ष को पहले से नशीद के इस्तीफे की मांग कर रहा था लेकिन जब उन्होंने पिछले ही पहले फौजदारी अदालत के मुख्य न्यायाधीश अब्दुल्ला मोहम्मद को गलत आचरण एवं विपक्षी हस्तियों के साथ पक्षपात करने के आरोप में बख्रास्त कर दिया तो लोगों का गुस्सा भड़क गया.

इस्लामी कट्टरपंथियों की ओर से भी प्रदर्शन हो रहा था क्योंकि वे इजराइल से सीधे उड़ान के परिवहन मंत्रालय के निर्णय से नाराज थे. नशीद पर यहूदियों एवं इसाईयों के प्रभाव में रहने का आरोप लगाने वाली धीवेही कौमी पार्टी ने नेता ने सेना से उन्हें हिरासत में लेने की मांग की है और कहा है कि उन्हें भ्रष्टाचार एवं सत्ता के दुरूपयोग के आरोपी बनाया जाना चाहिए.

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गय्यूम की अगुवाई वाली मुख्य विपक्षी प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) ने नशीद के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की अपील की है. पीपीएम प्रवक्ता मोहम्मद शरीफ ने कहा, ‘हमने सेना से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि नशीद के संवैधानिक अधिकार अक्षुण्ण रखे जाएं.’ उन्होंने कहा कि नशीद घर में हैं और उन्हें बाहर के लोगों से संवाद करने दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि मलेशिया में चिकित्सा संबंधी यात्रा पर गए गय्यूम को यह सुनकर बड़ी राहत मिली कि राष्ट्रपति ने इस्तीफा दे दिया. शरीफ ने कहा, ‘उन्होंने हमसे कहा कि अब यह बहुत महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन कानून का शासन आश्वस्त करने के लिए आगे कदम बढ़ाए.’ इस पूरे संकट का देश के मेरूदंड समझे जाने वाले पर्यटन उद्योग पर बहुत गंभीर असर देखा जा रहा है.

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