संकटग्रस्त किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या से आश्वासन मिलने के बाद कंपनी के पायलट तथा दूसरे कर्मचारियों ने आंदोलन नहीं करने का फैसला किया है. पिछले कुछ महीनों से वेतन नहीं मिलने के कारण एयरलाइंस कर्मचारियों ने आंदोलन तेज करने की धमकी दी थी.
माल्या ने कल देर रात पायलट और इंजीनियर समेत कर्मचारियों से बातचीत की और उन्हें 10 अप्रैल से चरणबद्ध ढंग से बकाये के भुगतान का भरोसा दिलाया.
कंपनी सूत्रों ने कहा, ‘माल्या द्वारा पत्र लिखकर दिलाए गए भरोसे को कर्मचारियों ने स्वीकार कर लिया है और बकाये का आंशिक भुगतान रात आठ बजे तक नहीं किए जाने पर आंदोलन करने के अल्टीमेटम पर आगे नहीं बढ़ने का निर्णय किया.’ सोमवार दिनभर पर प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच चले विचार-विमर्श के बाद माल्या ने अपनी ओर से कोशिश के तहत सोमवार देर रात अपने निवास पर आंदोलन कर रहे कर्मियों से मुलाकात की.
माना जा रहा है कि उन्होंने कर्मचारियों को चेताते हुए कहा कि किसी प्रकार की आंदोलन और सेवाओं में बाधा उत्पन्न होने की स्थिति में विमानन नियामक डीजीसीए किंगफिशर के उड़ान परमिट को रद्द कर सकता है.
नकदी संकट से जूझ रही किंगफिशर ने अपनी घोषित ग्रीष्म समयसारणी में विमानों की संख्या 100 से घटा कर 16 कर दी है.
कर्मियों से अल्टीमेटम जारी नहीं करने का आग्रह करते हुए माल्या ने कहा कि ग्राउंड हैंडलिंग में लगे कर्मचारियों समेत सभी कनिष्क कर्मियों को कल से और इंजीनियरिंग तथा पायलटों को नौ अप्रैल और दस अप्रैल से वेतन के बकाये भुगतान का वादा किया है.
एयरलाइंस कर्मचारियों को दिसंबर से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है.
कल कई पायलट और कर्मचारी वेतन बकाये के भुगतान नहीं किए जाने के विरोध में काम पर नहीं आए जिससे किंगफिशर को कम से कम दस उड़ानें रद्द करनी पड़ीं.
कर्मचारियों ने दो महीने के वेतन भुगतान के लिए आज शाम आठ बजे और शेष 20 अप्रैल तक की समयसीमा तय की थी.