यूपीए की घटक तृणमूल कांग्रेस को कांग्रेस की ओर से दी गई धमकी के बाद तृणमूल मुखिया ममता बनर्जी प्रकाश सिंह बादल और अखिलेश यादव के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने नहीं जाएंगी.
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने रविवार को कहा कि साझेदारी में शामिल लोगों की ओर से अजनबियों के साथ सामाजिक संवाद मान्य है लेकिन स्पष्टतया यदि चीजें सामाजिक शिष्टाचार के पार चली जाती हैं तो वह अनैतिक होगा.’
कांग्रेस ने अपना यह रूख ऐसे समय में साफ किया जब ऐसी खबरें थी कि ममता 14 मार्च को चंडीगढ़ में शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल के पंजाब के मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह और उसके अगले दिन उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पर सहमत हो गयी थी. ममता की तृणमूल कांग्रेस केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली संप्रग का दूसरा सबसे बड़ी घटक है.
शिरोमणि अकाली दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा है और पंजाब विधानसभा चुनाव में भाजपा शिरोमणि अकाली दल गठबंधन सरकार की वापसी की है. इस गठबंधन ने कांग्रेस को पराजित किया है. उधर, केंद्र में संप्रग को बाहर से समर्थन देने वाली सपा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जीती और राहुल गांधी के सघन प्रचार के बाद भी कांग्रेस चौथे स्थान पर है.
सिंघवी का बयान काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि यह बजट सत्र से महज एक दिन पहले आया है. यह बजट सत्र संप्रग के लिए मुश्किलभरा होगा क्योंकि विपक्षी दल संघीय ढ़ांचे के मुद्दे पर संप्रग को घेरेंगे और संप्रग के घटकों के लिए यह साझा मुद्दा होगा.
विभिन्न मुद्दों पर संप्रग सरकार के लिए मुसीबत खड़ी करने वाली तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष से कल ही कांग्रेस के पश्चिम बंगाल मामलों के प्रभारी ने भेंट की थी. उन्होंने अकालियों के न्यौते को कमतर आंकने का प्रयास किया था.