पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र से ब्याज स्थगन की मांग करते हुए शनिवार को 15 दिनों की मोहलत दी और कहा कि केंद्र का 'टालू रवैया' एक बड़ा मुद्दा बन सकता है. उन्होंने केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) में राज्य के हिस्से से 15 अरब रुपये काटने के लिए भी केंद्र की आलोचना की.
उन्होंने कहा, 'हम एक साल से प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन किसी भी बात की एक हद होती है. केंद्र ने सीएसटी में हमारे हिस्से से भी 15 अरब रुपये काट लिए हैं. एक तरफ वह ब्याज के रूप में 22 हजार करोड़ रुपये काट रही है, जबकि दूसरी ओर सीएसटी में हमारे हिस्से से 15 अरब रपये काट रही है. इसका मतलब है कि वह राज्य पर कर्ज लाद रही है, ताकि वह काम नहीं कर सके.'
ममता बनर्जी ने कहा, 'मैं अब भी केंद्र से आग्रह कर रही हूं, लेकिन यदि वह अब भी टालेगी, तो यह एक बड़ा मुद्दा बन जाएगा. मैं अब 15 दिनों तक इंतजार करुंगी. मैं इससे पहले प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री से कई बार मिल चुकी हूं, लेकिन अभी तक कोई कोष नहीं मिला है.'
उन्होंने हाल ही में कहा था कि पिछली वामपंथी सरकार ने राज्य पर अनुमानित 2.3 लाख करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ छोड़ा है.
ममता बनर्जी यह कहती रही हैं कि नई सरकार को कर्ज का बोझ विरासत में मिला है. इसलिए केंद्र सरकार को ऐसे कर्ज को माफ करने या अन्य तरह से निपटारा करने के बारे में सोचना चाहिए.