दिल्ली की एक अदालत ने बलात्कार मामले में दोषी पाए गए एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए बेहद कठोर टिप्पणी की है.
अपनी छह वर्षीय भतीजी के अपहरण और बलात्कार का दोषी करार दिये गये एक व्यक्ति को एक स्थानीय अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
अदालत ने दोषी व्यक्ति को ‘जिंदा सेक्स बम’ करार दिया और कहा कि उसका वंध्याकरण ही सबसे उपयुक्त दंड होगा, लेकिन ‘उसके (अदालत के) हाथ बंधे हैं.’
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने कहा कि वैसे तो वंध्याकरण उसके लिये सबसे उपयुक्त सजा होगी, लेकिन कानून इस सजा की अनुमति नहीं देता है और भारतीय विधायिका के सदस्यों को परंपरागत सजा के स्थान पर इसे विकल्प के रूप में अपनाये जाने पर विचार करना चाहिये.
अदालत ने कहा, ‘समाज एक जिंदा सेक्स बम को सहन नहीं कर सकता और यदि वे असफल हुए तो समाज, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के लिये संभावित खतरा हो सकता है.’ अभियोजन पक्ष के मुताबिक नंदन (30) ने अपनी भतीजी का उस समय अपहरण किया, जब वह अपने भाई के साथ खेल रही थी.
नंदन भतीजी को आइसक्रीम देने का लालच देकर अपने घर ले गया और वहां उसके साथ बलात्कार किया.