मारुति सुजुकी इंडिया के मानेसर संयंत्र में बुधवार दोपहर कर्मचारियों और प्रबंधन कर्मियों के बीच हाथापाई के बाद माना जाता है कि संयंत्र में उत्पादन प्रभावित हुआ है. एक शव मिलने की भी खबर है.
जहां कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि एक सुपरवाइजर द्वारा एक दलित कर्मचारी के खिलाफ जातिवादी टिप्पणी करने के बाद झगड़ा शुरू हुआ, प्रबंधन सूत्रों ने कहा कि संयंत्र में कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को बुरी तरह पीटा गया.
मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन (एमएसडब्ल्यूयू) के महासचिव सरबजीत सिंह ने बताया, ‘सुपरवाइजर ने एक स्थायी कर्मचारी के खिलाफ जातिवादी टिप्पणी की. उक्त कर्मचारी अनुसूचित जाति का है. जब हमने इसका विरोध किया तो उन्होंने हमसे र्दुव्यवहार किया और यहां तक कि कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया.’
यद्यपि मारुति सुजुकी इंडिया के प्रवक्ता से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं ली जा सकी, सूत्रों ने कहा कि संयंत्र के भीतर हिंसात्मक घटनाएं हुईं. उन्होंने आरोप लगाया कि कर्मचारियों ने परिसर के अंदर कार्यालयों में तोड़फोड़ की. एक कर्मचारी ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि उनके और प्रबंधन कर्मियों के बीच हिंसात्मक झगड़ा हुआ.
उसने कहा, ‘फिलहाल काम पूरी तरह रोक दिया गया है और हम संयंत्र परिसर खाली कर रहे हैं.’ सिंह का दावा है कि यूनियन ने प्रबंधन के प्रतिनिधियों से बातचीत की, लेकिन उनकी ओर से कोई सकारात्मक पहल अभी तक नहीं की गई है. उन्होंने कहा, ‘संयंत्र में तनाव का माहौल है.
सुबह की पाली के करीब 1,500 कर्मचारियों ने अभी तक परिसर नहीं छोड़ा है. अगर प्रबंधन कर्मचारी को बहाल नहीं करता तो हम काम रोक सकते हैं.’ पिछले साल, मारुति सुजुकी इंडिया के मानेसर संयंत्र में श्रमिकों के बीच तनाव की तीन अलग-अलग घटनाएं हुईं जिससे करीब 83,000 कारों के उत्पादन का नुकसान कंपनी को उठाना पड़ा.