देश की प्रमुख कार कंपनी मारुति सुजुकी अपनी नई 800 सीसी की कार इस साल के अंत तक उतारने की तैयारी कर रही है. यह कार ईंधन की कम खपत करेगी, पर इसके साथ ही कंपनी के सबसे ज्यादा बिकने वाले मॉडल आल्टो से महंगी होगी.
मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कंपनी अपने गुड़गांव संयंत्र में इस कार का वाणिज्यिक उत्पादन जुलाई या अगस्त से शुरू करेगी. इसे दिवाली पर पेश किया जाएगा. एक सूत्र ने कहा, ‘हालांकि, यह 800 सीसी की कार होगी, लेकिन प्रौद्योगिकी की दृष्टि से 800 सीसी के अन्य माडलों से बेहतर होगी. इसमें ईंधन की कम खपत होगी. ऐसे में इसका दाम मारुति 800 और आल्टो से अधिक होगा.’
समझा जाता है कि मारुति ने विकास की लागत कम करने के लिए आल्टो के ही मौजूदा इंजन तथा प्लेटफार्म का इस माडल के लिए उन्नयन किया है. कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, एम-800 मॉडल का दाम 2.05 लाख से 2.30 लाख रुपये के बीच है. वहीं आल्टो की कीमत 2.40 से 3.43 लाख रुपये है.
आल्टो के 1,000 सीसी के संस्करण का दाम 3.14 से 3.31 लाख रुपये है. ये सभी कीमतें एक्स शोरूम दिल्ली की हैं. इस बारे में संपर्क किए जाने पर कंपनी के प्रवक्ता ने भविष्य में किसी मॉडल के विकास पर टिप्पणी से इनकार किया.
सूत्रों ने बताया कि कंपनी विकास के विभिन्न चरणों में इस मॉडल का परीक्षण उत्पादन कर चुकी है और अब वह इस वाहन को व्यावसायिक तौर पर उतारने की तैयारी कर रही है. एक सूत्र ने कहा कि इस कार का व्यावसायिक उत्पादन जुलाई या अगस्त से होगा और कंपनी दिवाली में इसे बाजार में उतारेगी. कपंनी ने भारत चरण चार उत्सर्जन मानकों वाले शहरों में मारुति 800 की बिक्री बंद कर दी है, क्योंकि यह कार इन मानदंडों को पूरा नहीं करती है.
हालांकि, देश के अन्य हिस्सों में कंपनी एम 800 मॉडल बेच रही है, लेकिन उसने इसमें उन्नयन की संभावना से इनकार किया है. कंपनी भारत में अपने इस पहले माडल की बिक्री चरणबद्ध तरीके से देश के अन्य हिस्सों में उत्सर्जन मानक लागू होने के बाद बंद करेगी. आल्टो मारुति की अब तक की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार है.
हालांकि, हाल के समय में इस मॉडल की बिक्री 30,000 इकाई से घटकर 20,000 इकाई मासिक पर आ गई है. इसकी वजह ऊंची ब्याज दर और पेट्रोल का दाम है. कंपनी के डीलरों के पास बड़ी संख्या में पेट्रोल कारें ऐसी खड़ी हैं, जो बिक नहीं पाई हैं. मारुति ने पिछले महीने पेट्रोल माडलों आल्टो, एम-800, ए-स्टार, एस्टिलो तथा ओमनी का उत्पादन बढ़ते स्टाक की वजह से तीन दिन के लिए बंद किया था.