नॉर्दर्न ग्रिड के फेल होने से पूरे उत्तर भारत में हाहाकार सा मच गया. हालांकि ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने के इस बयान से कि 60 प्रतिशत नॉर्दर्न ग्रिड सही हो गया है, लोगों ने राहत की सांस ली है.
नॉर्दर्न ग्रिड में करीब ढाई बजे खराबी आई, एक के बाद एक चार बिजलीघरों से उत्पादन ठप हो गया. नांगल, रोपड़, बठिंडा और थेन बिजलीघर बंद हो गए हैं, जिसके कारण ये बिजली संकट पैदा हुआ.
ये उत्तर भारत का सबसे बड़ा बिजली संकट माना जा रहा है. नॉर्दर्न ग्रिड फेल होने से ट्रेनों की आवाजाही पर भी असर पड़ा.
नॉर्दर्न ग्रिड में फेल हो गया है और पूरे उत्तर भारत में बत्ती गुल हो गई. बताया जा रहा है कि तकनीकी खराबी आने से एक के बाद एक चार बिजलीघर ठप पड़ते गए और सात राज्यों में अंधेरा छा गया.
रात के करीब ढाई बजे ग्रिड में खराबी आई, जिसे ठीक करने की कोशिशें जारी हैं. नॉर्दर्न ग्रिड फेल होने का सबसे बुरा असर रेलवे पर पड़ा है. अभी तक कि खबरों के मुताबिक 30 एक्सप्रेस ट्रेने और 40 माल गाड़ियां प्रभावित हुई.
नॉर्दर्न ग्रिड फेल होने से उत्तर भारत में जनजीवन ठप सा हो गया है. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, जम्मू, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश राज्यों के कई बड़े हिस्सों में बिजली संकट पैदा हुआ.
उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के कई इलाकों में बिजली बहाल हो गई है. और नॉर्दर्न ग्रिड 60 प्रतिशत चालू हो गया है.