एयर इंडिया में पायलटों के एक वर्ग की हड़ताल को लम्बा खिंचते देख नागर विमानन मंत्रालय ने इस सरकारी विमानन सेवा कंपनी की सभी मान्यता प्राप्त यूनियनों की अगले सप्ताह बैठक बुलाई है ताकि कर्मचारियों के वेतन और सेवा शर्तों से जुड़े विभिन्न मद्दों का हल निकाला जा सके.
इस बीच पुरानी एयर इंडिया से जुड़े पायलटों की हड़ताल गुरुवार को दसवें दिन भी जारी रही और यह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने राजधानी में संवाददाताओं को यूनियनों की बैठक बुलाने की निर्णय की जानकारी दी.
उन्होंने कहा, ‘मैं एयर इंडिया की सभी मान्यता प्राप्त यूनियनों की अगले सप्ताह बैठक बुलाई है. इसमें सेवा के दौरान प्रोन्नति और प्रगति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.’ मंत्रालय की यह पहल एयरलाइन में कर्मचारी-प्रबंधन संबंधों में किसी प्रकार की और गड़बड़ी की संभावना को रोकने के लिए है.
उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइन के विलय के बाद गठित एकीकृत कंपनी एयर इंडिया में कर्मचारियों के एकीकरण की प्रक्रिया को समर्थन की भी जरूरत है क्योंकि इस प्रक्रिया में वेतन और प्रोन्नति के अवसरों को लेकर कर्मचारियों के कुछ वर्गों में असंतोष फैलने की आशंका है. उल्लेखनीय है कि इस बैठक में न्यायमूर्ति धर्माधिकारी समिति की सिफारिशों पर चर्चा होगी.
यह रिपोर्ट दोनों पूर्ववर्ती सरकारी एयरलाइनों के आपस में विलय के बाद उनके कर्मचारियों के एकीकरण की प्रक्रिया के बारे में है. इस बैठक में हड़ताल का नेतृत्व कर रहे इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) के भाग लेने की संभावना नहीं है क्योंकि प्रबंधन ने मौजूदा हड़ताल को ले कर उसकी मान्यता रद्द कर दी है और बैठक में केवल मान्यता प्राप्त यूनियनों को ही बुलाया जा रहा है.
मंत्रालय ने कर्मचारियों से बिना शर्त बातचीत का प्रस्ताव किया है. उसने हड़ताली पायलटों से भी हड़ताल खत्म कर बातचीत के लिए आगे आने की अपील की है और कहा है कि किसी के साथ कोई उत्पीड़न नहीं किया जाएगा. आईपीजी भी बातचीत के मूड में है पर उसकी मांग है कि हड़ताल के दौरान बख्रास्त किए गए उसके 71 सदस्यों को बहाल किया जाए तथा यूनियन की मान्यता भी पुनर्स्थापित हो.