scorecardresearch
 

दूधियों ने लोकपाल से पहले मांगा दूधपाल

क्या 6 रुपए कम कीमत पर मिल सकता है दूध? आप यकीन करें या नहीं करें लेकिन दूधियों के संगठन का यही दावा है. बस उनका कहना है कि दूध बेचने वाली कंपनियां ग्राहकों को लूटना बंद कर दे और सरकार दूध की मंडी चालू कराए.

Advertisement
X

क्या 6 रुपए कम कीमत पर मिल सकता है दूध? आप यकीन करें या नहीं करें लेकिन दूधियों के संगठन का यही दावा है. बस उनका कहना है कि दूध बेचने वाली कंपनियां ग्राहकों को लूटना बंद कर दे और सरकार दूध की मंडी चालू कराए. इन्ही मांगों पर दूधिए आज जंतर मंतर पर धरना देंगे.

Advertisement

दूधियों का गुस्सा कई बार फूटा. अमृत की धारा सड़कों पर पानी की तरह बहाई गई. हक की लड़ाई में दूधियों, किसानों ने कंपनियों और बिचौलियों के खिलाफ कई बार मोर्चा खोला. लेकिन सब वार खाली गए. हार कर दूधिए अपनी लड़ाई लेकर दिल्ली पहुंच गए हैं.

दूधियों का गुस्सा इस बात को लेकर है कि दूध बेचने वाली कंपनियां जब सस्ते दामों पर दूध खरीदती हैं तो ग्राहकों को दूध इतना महंगा क्यों बेचा जाता है. और अगर दूध मंहगा बेचा ही जाता है तो फिर लाभ कंपनियां अकेले क्यों हड़प जाती हैं, पशुपालकों और किसानों तक फायदा क्यों नहीं पहुंचता?

दूधियों के संठगन ग्वाला गद्दी ने अपनी आपत्ति चिट्ठी के जरिए प्रधानमंत्री तक पहुंचाई लेकिन सरकार से कोई आश्वासन नहीं मिला तो आरपार की लड़ाई शुरू करने के मूड में आ गए हैं. वो कंपनियों की पोल खोल रहे हैं कि गर्मियों में दूध का उत्पादन घटने का बहाना बनाकर किस तरह ग्राहक ठगे जाते हैं.

Advertisement

आपको बता दें दूधियों का संगठन ग्वालागद्दी बड़े बड़े दावे कर चुका है. मसलन दूध की मंडी के लिए जगह दो, दिल्ली में 34 रुपए लीटर दूध लो, खुला दूध बेचने की इजाजत दो, 30 रुपए लीटर केमिकल फ्री दूध लो. दूधिए आज तो अपनी मांग जंतर मंतर से उठाएंगे लेकिन सरकार ने इसके बाद भी सुनवाई नहीं की तो ऐलान है कि 24 अप्रैल से देशव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा.

दूधियों के संगठन ने अन्ना और स्वामी रामदेव से भी आंदोलन के लिए समर्थन मांगा है और कहा है लोकपाल से पहले देश को दूधपाल की जरूरत है.

Advertisement
Advertisement