अमेरिकी विदेश नीति के लिए चीन को एक बड़ी चुनौती मानते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के रिपब्लिकन उम्मीदवार मिट रोमनी ने कहा है कि अगर वे राष्ट्रपति बनतें हैं तो चीनी प्रभाव को कम करने के लिए भारत से अपने संबंध मजबूत करेंगे.
विदेशी युद्धों के शहीदों की स्मृति में नवाडा में आयोजित अधिवेशन को संबोधित करते हुए रोमनी ने माना कि एक सुरक्षित और स्थायी विश्व के लिए चीन के साथ साझेदारी जरूरी है, लेकिन उन्होंने बीजिंग पर यह आरोप भी लगाया कि वह कई मसलों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को धोखा दे रहा है.
साथ ही रोमनी ने ओबामा पर इस मामले में हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने का आरोप लगाया. रोमनी ने कहा, ‘इस मसले पर ओबामा ने न कुछ किया है न ही वे करेंगे. मैं इस दिशा में काम करूंगा.’
चीन के बारे में रोमनी ने कहा, ‘उभरते चीन को लेकर कई चुनौतियां हैं. वह अपनी सरकार के हितों का तो ध्यान रखता है लेकिन चीनी जनता के अधिकारों की अवहेलना करता है. इसके अलावा अमेरिका के साथ व्यापार करते हुए वह पेटेंट नियमों और कॉपीराइट कानूनों का भी उल्लंघन करता है.
गलत फायदा उठाने के लिए वह अपनी मुद्रा का भी अवमूल्यन करता रहा है.’ अपने चुनावी अभियान के घोषणा पत्र में रोमनी ने वादा किया कि चुने जाने पर वह ऐसे कदम उठाएंगे ताकि वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में चीन एक जिम्मेदार प्रतिभागी बने.
साथ ही उन्होंने वादा किया कि वे चीन में लोकतांत्रिक सुधारों की मांग करने वाले नागरिक समाज समूहों को समर्थन देंगे.