केंद्रीय कारपोरेट मामलों के मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्ना हजारे के सहयोगी लोकपाल विधेयक पर देश में भ्रम तथा अराजकता पैदा कर रहे हैं.
एसआरईआई फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मोइली ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं नहीं जानता कि विधेयक पर चर्चा अभी कितनी होनी चाहिए. यह वर्ष 1966 से ही सार्वजनिक बहस का मुद्दा रहा है. 50 साल बाद भी यह जारी है.’
मोइली ने कहा, ‘अन्ना हजारे के सहयोगियों और भाजपा को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे किस तरह का संशोधन चाहते हैं. हमने उनसे बात की है. हमने अन्ना हजारे के सहयोगियों द्वारा सुझाए गए सभी संशोधनों को शामिल किया है, लेकिन वे अपना रुख बार-बार बदलते रहे हैं. उनकी अनिश्चितता को देखते हुए लगता है कि वे लोकपाल विधेयक पारित करना नहीं चाहते.’
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और अन्ना हजारे के सहयोगी विधेयक को राजनीतिक एजेंडा बनाना चाहते हैं, ताकि वे देश में भ्रम तथा अराजकता पैदा कर सकें.