कृषि मंत्री शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि देश में खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है और सरकार के पास 8.2 करोड़ टन से अधिक चावल व गेहूं का ‘पर्याप्त’ भंडार है.
कृषि क्षेत्र पर मानसून में देरी का क्या प्रभाव होगा, यह पूछे जाने पर पवार ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘सरकार के पास खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार है. खाद्यान्न की उपलब्धता आरामदायक स्थिति में है. देश में खाद्यान्न की कोई किल्लत नहीं है.’ उन्होंने कहा कि पिछले साल रिकार्ड उत्पादन व खरीद के चलते सरकार के पास 8.23 करोड़ टन खाद्यान्न का भंडार है, जबकि एक जुलाई तक नियमों के मुताबिक, उसके पास 3.3 करोड़ टन खाद्यान्न का भंडार होना चाहिए.
पवार ने यह भी कहा, ‘अगर जरूरत पड़ी तो सरकार अतिरिक्त खाद्यान्न की आपूर्ति करने को तैयार है और एक योजना के जरिए खुले बाजार में उतरने के संबंध में उचित समय पर निर्णय किया जाएगा.’ दो जुलाई तक मानसून की बारिश औसत से 31 प्रतिशत कम रही है. इससे मोटे अनाजों की बुवाई प्रभावित हुई है, लेकिन धान की फसल के लिए चिंता की कोई बात नहीं है.
भंडारों की स्थिति स्पष्ट करते हुए मंत्री ने कहा कि एक जून की स्थिति के मुताबिक, सरकारी गोदामों में 5.01 करोड़ टन गेहूं और 3.21 करोड़ टन चावल उपलब्ध है.