दक्षिण पश्चिम मॉनसून केरल पहुंच चुका है. मौसम विभाग ने इस बात की पुष्टि की है. केरल के तटीय इलाकों में झमाझम बारिश भी हुई है और मॉनसून केरल से कर्नाटक की ओर बढ़ चुका है.
इससे पहले मौमस विभाग ने मॉनसून के 6 जून को केरल पहुंचने का अनुमान व्यक्त किया था. हालांकि राजधानी दिल्ली में मॉनसून के पहुंचने की तारीख को लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है. मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में मॉनसून के पहुंचने की सामान्य तारीख पहली जुलाई होती है. लेकिन अभी भविष्यवाणी करना आसान नहीं है और इसके लिए सही अनुमान, मुंबई और कोलकाता में मॉनसून पहुंचने के बाद ही लगाया जा सकेगा.
देश के हर शख्स को इंतजार है मॉनसून की घनघोर बारिश में धरती के तरबतर होने का. लेकिन इस बार भी बादलों ने लुकाछिपी का खेल शुरू कर दिया है. मौसम विभाग के मुताबिक भारत में केरल के रास्ते मॉनसून प्रवेश करता है. आमतौर पर मॉनसून 1 जून को केरल में दस्तक देता है, लेकिन इस बार मौसम वैज्ञानिकों ने 5-6 जून तक मॉनसून के केरल पहुंचने की भविष्यवाणी की.
मॉनसून तो इस बार तय समय पर ही शुरू हुआ और अंडमान जा पहुंचा. लेकिन उसके बाद मॉनसून की हवाएं श्रीलंका पहुंचते पहुंचते थमने लगीं. इस वजह से 1 जून तक केरल पहुंचने की मौसम विभाग की भविष्यवाणी धरी की धरी रह गई. अब मॉनसून की हवाओं ने फिर जोर पकड़ा है और उम्मीद जताई जा रही है कि देश के बाकी हिस्सों में मॉनसून लेट नहीं होगा.
मौसम वैज्ञानिकों ने इस बार मॉनसून के वक्त पर आने की पक्की आहट सुनी थी. लेकिन कुदरत के बनते बिगड़ते खेल के आगे सारे अनुमान फेल हो गए. हाल ही में फिलीपींस में आए तूफान ने मॉनसून की सारी ताकत खींच ली. मॉनसून के हवाओं का जोर जाता रहा. लेकिन मौसम विभाग की मानें तो तपती गर्मी में दिल्ली और आसपास के इलाकों में राहत की छिटपुट बारिश होती रहेगी.