मोंटेक सिंह अहलुवालिया और जयराम रमेश ने साझा कांफ्रेंस कर कहा कि आयोग का पुराना आंकड़ा मान्य नहीं है. गरीबों की गिनती फिर होगी और इसकी रिपोर्ट जनवरी में प्रकाशित की जाएगी.
योजना आयोग ने गढ़ी गरीबी की नई परिभाषा
अहलुवालिया ने कहा कि ग्रामीण गरीबों की गिनती फिर से होगी. साथ में बैठे जयराम रमेश ने कहा कि ग्रामीण गरीबों का आंकड़ा जातिगत जनगणना से ली जाएगी जिसका प्रकाशन जनवरी में होगा.
योजना आयोग ने गरीबी का उड़ाया मजाक
सोमवार की सुबह जयराम रमेश और मोंटेक सिंह अहलूवालिया के बीच हुई बातचीत के बाद यह तय किया गया था कि योजना आयोग ने जो हलफनामा कोर्ट में देकर यह बताया था कि वैसे ग्रामीण जिनकी आमदनी 26 रुपये से अधिक प्रतिदिन हैं वह गरीब नहीं है और शहर में रहने वाले वैसे लोग जिनकी आमदनी 32 रुपये से अधिक है वह गरीब नहीं है, पर फिर से विचार होगा.
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मोंटेक सिंह अहलूवालिया से बातचीत करने के बाद जयराम रमेश ने कहा कि योजना आयोग ने गरीबों को लेकर जो आंकड़ा पेश किया था वह मान्य नहीं है. ग्रामीण गरीबों की फिर से गिनती होगी और रिपोर्ट जनवरी में आएगी.
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