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'शीला की जवानी' पर भारी पड़ा 'मुन्‍नी बदनाम...'

इस साल का बहुचर्चित गीत (आइटम सांग) 'मुन्‍नी बदनाम हुई...' और 'शीला की जवानी...' अभी भी लोगों की जुबां पर तैर रहा है. विदा हो रहे साल में दोनों गीतों और रुपहले पर्दे पर इन गीतों पर डांस करने वाली अभिनेत्रियों के बीच भी श्रेष्‍ठता की जंग जारी है.

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इस साल का बहुचर्चित गीत (आइटम सांग) 'मुन्‍नी बदनाम हुई...' और 'शीला की जवानी...' अभी भी लोगों की जुबां पर तैर रहा है. विदा हो रहे साल में दोनों गीतों और रुपहले पर्दे पर इन गीतों पर डांस करने वाली अभिनेत्रियों के बीच भी श्रेष्‍ठता की जंग जारी है.

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एक ऑनलाइन वोटिंग के नतीजे के मुताबिक 'मुन्‍नी बदनाम...' गीत ' शीला की जवानी...' पर भारी साबित हुआ. हालांकि 'शीला की जवानी' के कद्रदान भी ज्‍यादा पीछे नहीं रहे. वोटिंग के लिए सवाल पूछा गया था, 'इनमें से किस अभिनेत्री का आइटम सांग आपको सबसे ज्‍यादा पसंद आया?' विकल्‍प सिर्फ तीन रखे गए- कैटरीना कैफ, मलाइका अरोड़ा खान और समीरा रेड्डी. दरअसल यहां मुकाबला सिर्फ दो के बीच ही साबित हुआ. तीसरे की भूमिका महज वोट काटने वाले उम्‍मीदवार जैसी रही.

वोटिंग में भाग लेने वाले करीब 55 फीसदी लोगों ने 'मुन्‍नी बदनाम...' पर डांस करने वाली मलाइका अरोड़ा खान के पक्ष में वोट डाला. 'शीला की जवानी...' पर कमर लचकाने वाली कैटरीना कैफ को 39 फीसदी लोगों ने पसंद किया. समीरा रेड्डी को महज साढ़े पांच प्रतिशत वोट से ही संतोष करना पड़ा और उनकी जमानत जब्‍त होती दिखी.{mospagebreak}

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कई बातों ने इस रेस में 'मुन्‍नी' का पलड़ा भारी किया. इस गाने के बोल ऐसे हैं, जो एकदम आसानी से लोगों की जुबान पर चढ़ जाते हैं. यहां त‍क कि इसमें प्रयुक्‍त शब्‍द 'डार्लिंग' भी किसी को नहीं खटकता, क्‍योंकि हिंदी ने इसे दशकों पहले अपने अंदर समाहित कर लिया है. साथ ही इसमें एक ऐसे दर्द निवारक बाम के नाम का भी इस्‍तेमाल किया गया है, जो घर-घर इस्‍तेमाल होता है. शुरुआती दौर में इस बाम ने भी विवाद खड़ा करके गाने की लोकप्रियता में इजाफा ही किया.

दूसरी ओर 'शीला की जवानी...' गीत कैटरीना के लाजवाब डांस के बावजूद 'मुन्‍नी' से पीछे ही रह गया. इसमें अंग्रेजी के शब्‍दों का इस्‍तेमाल है, जो 'बाथरूम सिंगरों' की जुबां पर आसानी से नहीं चढ़ पाते. इतने तथ्‍यों से इस निष्‍कर्ष तक पहुंचना आसाना हो जाता है कि लोकप्रियता के लिए महज भड़कीले कपड़े और 'सेक्‍सी' शब्‍द का इस्‍तेमाल ही काफी नहीं है. लोगों को लुभाने के लिए 'अमियां' जैसे आम शब्‍दों से भी करीबी बढ़ानी पड़ती है.{mospagebreak}

एक सवाल अब भी बरकरार है कि इन गीतों ने मनोरंजन ज्‍यादा पैदा किया या सभ्‍य समाज में रच-बस चुकी 'शीला' और 'मुन्‍नी' की तकलीफें ज्‍यादा बढ़ाईं. इन गीतों ने मनचलों को फिकरेबाजी का एक और मौका मुहैया कराया, जिसकी बानगी आए दिन खबरों में मिल जाया करती है. अब तक तो 'मुन्‍ना' या 'मुन्‍नी' एक नाम के अलावा किसी बच्‍ची को प्‍यार से बुलाया जाने वाला संबोधन भी था, पर अब सूरत बदल चुकी है. अब शायद ही कोई इस मकसद से किसी को 'मुन्‍नी' पुकारे पाए, क्‍योंकि मुन्‍नी पर नाहक बदनामी का साया मंडराने का डर जो है.

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रही बात 'शीला' के 'सेक्‍सी' होने की, तो यह बदलते समाज की उस 'बुलंद तस्‍वीर' को ही दिखाता है, जो खुद को यौन-कुंठा की जकड़ से मुक्‍त करने और सेक्‍स पर खुलेआम चर्चा को स्‍वीकृत दिलवाने का झंडा उठाए अनजाने भविष्‍य की ओर उत्‍सुकता से निहार रहा है.

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