सरकार की ओर से गिरफ्तार किए जाने की चेतावनी मिलने के बाद पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने वतन वापसी की अपनी योजना टाल दी है.
मुशर्रफ की पार्टी ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नेताओं ने मीडिया को बताया कि पूर्व राष्ट्रपति ने पाकिस्तान लौटने की योजना टाल दी है. यह फैसला मुशर्रफ ने अपने दोस्तों और पार्टी नेताओं से विचार-विमर्श करने के बाद किया.
मुशर्रफ के प्रवक्ता मुहम्मद अली सैफ ने बताया कि मुशर्रफ के इस महीने पाकिस्तान लौटने की संभावना नहीं है. नजदीकी दोस्त उन्हें अभी पाकिस्तान आने से मना कर रहे हैं. सैफ ने कहा कि इस नए घटनाक्रम को सकारात्मक रूप में लेना चाहिए. उनके मुताबिक मुशर्रफ के सहयोगियों ने उन्हें सलाह दी है कि उनके पाकिस्तान लौटने से संकटों का सामना कर रही मौजूदा सरकार को राहत मिल जाएगी. मुशर्रफ ने इस महीने की शुरुआत में ऐलान किया था कि वह 27 से 30 जनवरी के बीच कराची पहुंच सकते हैं.
मुशर्रफ के पाकिस्तान लौटने के ऐलान के कुछ दिनों बाद ही सिंध प्रांत के गृह मंत्री मंजूर वासन ने कहा था कि कराची पहुंचते ही पूर्व राष्ट्रपति को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया जाएगा. पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने पाकिस्तानी संसद के उपरी सदन सीनेट में कल कहा कि मुशर्रफ जब कभी पाकिस्तान पहुंचेंगे, उन्हें देश के कानून के तहत गिरफ्तार किया जाएगा.
मलिक ने कहा कि जिस क्षण मुशर्रफ यहां कदम रखेंगे, उन्हें जेल भेज दिया जाएगा. मुशर्रफ ने प्रवक्ता सैफ ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति सरकार की ओर से दी चेतावनी और अपने खिलाफ दर्ज मामलों से सहमे नहीं हैं.
सैफ ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने अदालतों के समक्ष हाजिर होने से कभी इंकार नहीं किया. वह पाकिस्तान लौटने पर अदालतों और अपने खिलाफ दर्ज मामलों का सामना करेंगे.
मुशर्रफ नवाज शरीफ का तख्ता पलट कर 1999 में सत्ता पर काबिज हुए थे. वह अगस्त, 2008 में राष्ट्रपति पद से मुक्त हुए. वह पूर्व प्रधानमंत्री मरहूम बेनजीर भुट्टे की हत्या और कुछ अन्य मामलों में आरोपी हैं. बेनजीर मामले में अदालत उन्हें भगोड़ा भी घोषित कर चुकी है.