योगगुरु बाबा रामदेव ने अपनी हिंदुत्व समर्थक छवि को बदलने के प्रयास में शनिवार को मुस्लिम नेताओं के साथ मंच साझा किया और मुस्लिम तथा ईसाई दलितों को आरक्षण के दायरे में लाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 341 में संशोधन की उनकी मांग के समर्थन में संघर्ष का ऐलान किया.
रामदेव ने यह घोषणा भी की कि वह विदेश में जमा काले धन को वापस लाने की मांग करते हुए सरकार के खिलाफ तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ तीन जून को और अगस्त में भी प्रदर्शन करेंगे.
ऑल इंडिया यूनाइटेड मुस्लिम मोर्चा द्वारा आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए योगगुरु ने करीब करीब सभी राजनीतिक दलों पर हमला किया और आरोप लगाया कि इन पार्टियों को आम आदमी की चिंता नहीं है और भ्रष्टाचार के जरिये देश की संपत्ति लूट रहीं हैं.
माना जाता रहा है कि रामदेव भगवा संगठनों के करीब रहे हैं लेकिन उन्होंने अपनी एक अलग छवि पेश करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने मुस्लिमों और हिंदुओं के बीच दीवार खड़ी करने का प्रयास किया है और इस तरह के लोगों को सबक सिखाया जाना चाहिए.
रामदेव ने कहा, ‘मुझे हाल ही में पता चला कि अनुच्छेद 341 में मुस्लिम तथा ईसाई दलित नहीं आते. यह सही नहीं है. दलित तो दलित होता है, चाहे हिंदू हो, ईसाई हो या मुसलमान हो. इसलिए सभी दलितों को समान अधिकार मिलने चाहिए. हमें इसे पाने के लिए संघर्ष करना होगा. हम संघर्ष छेड़ेंगे. मैं तन-मन से अपना समर्थन देता हूं.’ संविधान का अनुच्छेद 341 मुस्लिम तथा ईसाई दलितों को आरक्षण के प्रावधान से अलग रखता है.
रामदेव ने यह भी कहा कि देश में मुस्लिमों के खिलाफ पूर्वाग्रह का माहौल और इस तस्वीर को बदलना होगा. उन्होंने कहा, ‘हम अपने मुस्लिम भाइयों और बहनों के साथ है. मेरे आश्रम में 3,000 से ज्यादा मुस्लिम हैं. वहां कोई धर्म नहीं है. न मंदिर है और ना ही मस्जिद है. हम सब एक हैं.’