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NCTC राज्‍यों के अधिकारों में दखल नहीं: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) आतंकवाद से निपटने के लिए बेहद जरूरी है.

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मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) आतंकवाद से निपटने के लिए बेहद जरूरी है.

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राज्‍यों के मुख्‍यमं‍त्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि एनसीटीसी केंद्र और राज्‍यों के बीच का कोई झगड़ा नहीं है और न ही यह राज्‍यों के अधिकारों में दखल है. उन्‍होंने कहा कि एनसीटीसी से आतंक से लड़ने की क्षमता में इजाफा होगा.

राजधानी के विज्ञान भवन में आयोजित बैठक में मनमोहन सिंह ने कहा कि देश के लिए कानून बनाना केंद्र सरकार का काम है. उन्‍होंने कहा कि इस मुद्दे पर राज्‍य सरकार से सहयोग की जरूरत है.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्य सरकारों से कहा कि वे आतंकवाद से निपटने में केन्द्र के साथ रहें. आतंकवाद से निपटने के लिए देश को एक मजबूत राष्ट्रीय नजरिया एवं रणनीति कायम करनी होगी.

एनसीटीसी पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, ‘आतंकवाद आज हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़े खतरों में से है. इस बात से कोई असहमति नहीं है कि एक प्रभावशाली आतंकवादरोधी व्यवस्था बने और प्रभावशाली तंत्र एवं जवाबी प्रणाली राष्ट्रीय एवं राज्य दोनों स्तरों पर हो.’

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उन्होंने कहा कि एनसीटीसी की अवधारणा मंत्री समूह और प्रशासनिक सुधार आयोग की ओर से आयी, जिन्होंने कारगिल में मिले सबक के बाद काम शुरू किया.

मनमोहन सिंह ने कहा, ‘हमारा मानना है कि एनसीटीसी अपने स्वरूप और परिचालन के पहलुओं सहित राज्यों की आतंकवादरोधी क्षमताओं को मजबूत करेगा न कि उनकी जडें खोदेगा.

मनमोहन सिंह ने मुख्यमंत्रियों का ध्यान मानक कार्रवाई प्रक्रिया (एसओपी) की ओर आकर्षित किया, जिसका मसौदा केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने वितरित किया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि मसौदा एनसीटीसी के सांगठनिक ढांचे और उसकी प्रस्तावित अधिकारों और कामकाज को लेकर केन्द्र-राज्य के बीच समन्वय के विस्तृत प्रावधानों को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘एनसीटीसी सुचारू और प्रभावशाली रूप से काम कर सके, इसके लिए महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके अधिकारों और कामकाज को लेकर हमारे बीच आम सहमति बने. हम चाहेंगे कि राज्य सरकारें इस पहल में हमारे साथ हों. हमारा मानना है कि आतंकवाद रोधी प्रयासों को एनसीटीसी और मजबूत करेगा.’

लगभग 12 मुख्यमंत्रियों द्वारा एनसीटीसी के गठन का विरोध किये जाने के बाद बुलायी गयी इस बैठक में मनमोहन सिंह ने कहा कि एनसीटीसी का तंत्र हर राज्य की एजेंसी को आतंकवादी खतरे का बडा परिदृश्य देखने की क्षमता देगा और इससे आतंकवाद रोधी क्षमताओं को मजबूती मिलेगी.

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प्रधानमंत्री ने संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचने की कुछ मुख्यमंत्रियों की आशंकाओं का निराकरण करते हुए कहा कि सरकार का इरादा किसी भी तरह से संविधान में प्रदत्त केन्द्र और राज्यों के बीच अधिकारों के वितरण को प्रभावित नहीं करना है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद से केन्द्र और राज्य दोनों ही अकेले दम पर मुकाबला नहीं कर सकते. उनके बीच नजदीकी सहयोग और समन्वय आवश्यक है ताकि सीमा के भीतर और बाहर से होने वाले खतरों से निपटा जा सके.

मनमोहन सिंह ने कहा कि एक मजबूत राष्ट्रीय नजरिये और रणनीति को आकार देना केन्द्र की जिम्मेदारी है, जो दुनिया भर से और हमारे राज्यों से मिली सूचना के आधार पर हो.

उन्होंने कहा कि राज्यों को अपनी ओर से यही करना है कि वे अपनी विशेषज्ञता, ज्ञान और तंत्र का उपयोग अपने क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए करें और केन्द्र तथा अन्य राज्यों के साथ मिलकर काम करें.

मनमोहन सिंह ने कहा कि नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के बाद से अब तक राज्यों और केन्द्र की एजेंसियों के बीच नजदीकी समन्वय हुआ है, जिससे काफी बडी सफलताएं मिलीं हालांकि अभी काफी कुछ और किया जाना बाकी है.

उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर भारत में सीमा पार के आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, जम्मू कश्मीर के आतंकवाद, पूर्वोत्तर के उग्रवाद और धर्म आधारित आतंकवाद सहित भारत में आतंकवाद के सभी आयामों से निपटने के लिए रणनीति और उपायों को लेकर हमारे बीच व्यापक सहमति है.

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इससे पहले, गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि आतंकवाद से लड़ना केंद्र और राज्‍यों की साझा जिम्‍मेदारी है.

चिदंबरम ने कहा कि 26/11 की घटना के बाद आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरूरत महसूस की गई. उन्‍होंने कहा कि NCTC के सभी पहलुओं पर विचार हुआ है.

चिदंबरम ने कहा कि साल 2008 में यूएपीए में बदलाव हुआ था, लेकिन तब इस पर कोई सवाल नहीं उठाया गया था. उन्‍होंने कहा कि पिछले 1 साल में 12 आतंकी मॉड्यूल नाकाम किए गए हैं.

बहरहाल, राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) पर प्रधानमंत्री के साथ बैठक में सभी राज्‍यों का सहमत हो पाना फिलहाल बेहद मुश्किल नजर आ रहा है. गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई सीएम ने एनसीटीसी का पुरजोर विरोध किया है.

नरेंद्र मोदी ने एनसीटीसी को राज्‍यों के हक में दखल करार दिया है. उन्‍होंने कहा है कि जब आतंकवाद पर काबू पाने के लिए एनआईए है, तो फिर एनसीटीसी की क्‍या जरूरत है.

ममता बनर्जी ने भी एनसीटीसी पर विरोध का रुख बरकरार रखा है. उन्‍होंने एनसीटीसी को संघीय ढांचे पर हमला करार देते हुए केंद्र सरकार से इसे फौरन वापस लेने की मांग की है.

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