राष्ट्रीय महिला आयोग ने शनिवार को कहा कि गुवाहाटी में एक व्यस्त सड़क पर 11 लोगों द्वारा एक किशोरी को निर्वस्त्र कर उससे छेड़छाड़ किए जाने की घटना की सुनवाई विशेष त्वरित अदालत में होनी चाहिए. आयोग के दो सदस्यीय दल ने शनिवार से इस मामले की जांच शुरू की. इस दल में आयोग की सदस्य वानसुक सिएम और सामाजिक कार्यकर्ता अल्का लाम्बा हैं. असम महिला आयोग की सदस्य भी उनका साथ दे रही हैं.
लाम्बा ने कहा, 'हमने उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिदेशक जयंत नारायण चौधरी और पीड़ित लड़की से मुलाकात की. उन्होंने हमें घटना के बारे में विस्तार से बताया.' उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन की तरफ से कार्रवाई में देरी हुई.
लाम्बा ने कहा, 'लड़की ने हमें बताया कि वह एक दोस्त के जन्मदिन के मौके पर एक पब में गई थी. जब वह अपनी एक सहेली के साथ घर जाने के लिए वापस लौटी तो कुछ युवकों ने उनकी तस्वीरें लेने की कोशिश की. उन्होंने इसका विरोध किया. जिसके चलते यह घटना घटी.'
उन्होंने कहा, 'लड़की ने 45 मिनट तक उन युवकों से संघर्ष किया लेकिन उस वक्त वहां कोई पुलिसवाला नहीं था. जबकि पुलिस थाना वहां से मात्र पांच मिनट की दूरी पर था. हमने इन मामलों को पुलिस महानिदेशक के सामने रखा है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि पुलिस की पेट्रोलिंग की व्यवस्था हर मार्ग पर की जाएगी.'
लाम्बा के मुताबिक प्रशासन उस पब का लाइसेंस रद्द करने जा रही है क्योंकि उसने उस लड़की को पब में जाने से रोका नहीं जबकि उसकी उम्र 20 साल है और पब में जाने के लिए निर्धारित आयुसीमा 21 वर्ष है. इस मामले में कुल 11 आरोपियों में से पुलिस अभी तक सिर्फ चार को ही गिरफ्तार कर सकी है. जबकि शेष सात की पहचान भी हो चुकी है लेकिन पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने में नाकामयाब रही है.
इस मामले ने शनिवार को उस समय नया मोड़ ले लिया जब टीम अन्ना के सदस्य और किसान नेता अखिल गोगोई ने मीडिया के समक्ष छह अन्य वीडियो क्लीप पेश किए जिनमें स्थानीय पत्रकार गौरव ज्योति को इस मामले में संलिप्तत दिखाया गया है. गोगोई के मुताबिक इस पत्रकार ने मामले को भड़काने का काम किया.
गोगोई ने आरोप लगाया कि इस मामले में पत्रकार की भागीदारी है. गोगोई ने पुलिस पर आरोप लगाया कि वह इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रही है. इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक मीडिया फोरम के सदस्यों ने गोगोई से कहा कि वे इन आरोपों को साबित करें.
मीडिया के समक्ष वीडियो जारी करते हुए गोगोई ने कहा, 'पत्रकार ने इस मामले में अहम भूमिका निभाई, जिससे असम के लोगों को ही नहीं पूरी पत्रकार बिरादरी को शर्मिदंगी झेलनी पड़ रही है.' इन सब के बीच मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव एमिली चौधरी के नेतृत्व में एक सदस्यीय जांच आयोग गठित की है.
ज्ञात हो कि गत सोमवार की रात करीब 9.30 बजे व्यस्त जी.एस. रोड स्थित क्लब मिट नामक पब से 17 वर्षीय किशोरी एक अन्य लड़की के साथ निकली. वह ऑटोरिक्शा का इंतजार कर रही थी, तभी 11 लोगों ने उसे घेर लिया. दूसरी लड़की भागने में कामयाब रही.