मोरक्को को आग्रह पत्र भेजे जाने के लिए विशेष अदालत की मंजूरी मिलने के साथ ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली के खिलाफ सबूतों के लिए उससे अलग हुई मोरक्को में रहने वाली उसकी पत्नी के बयान दर्ज करने संबंधी प्रक्रिया शुरू कर दी है.
सूत्रों ने बताया कि हेडली से अलग हुई उसकी पत्नी फैजा औतलहा लश्कर ए तैयबा के संस्थापक हाफिज मोहम्मद सईद के झूठ का पर्दाफाश करने के लिए भी महत्वपूर्ण साक्ष्य होगी जो अब तक जमात उद दावा (जेयूडी) की कथित मानवीय गतिविधियों से जुड़कर अपनी आतंकी गतिविधियों पर परदा डालने की कोशिश करता रहा है.
सूत्रों ने बताया कि एचएस शर्मा की विशेष अदालत का आदेश गृह मंत्रालय को भेजा गया है जो विदेश मंत्रालय के कानूनी एवं संधियों संबंधी विभागों का अग्रसारित किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि औतलहा का बयान गवाह के रूप में दर्ज किया जाएगा. वह पाकिस्तान प्रवास के दौरान सईद से मिली थी और उसने उससे हेडली की शिकायत की थी. इसके अतिरिक्त वह हेडली की शिकायत करने और लश्कर ए तैयबा तथा हरकत उल जिहादी इस्लामी जैसे आतंकी समूहों के साथ उसकी भूमिका के बारे में बताने इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास भी गई थी.
औतलहा ने 2007 में 50 वर्षीय हेडली से शादी की थी और एक साल बाद उसका तलाक हो गया था. उसने सुरक्षा एजेंसियों को हेडली की निजी जिन्दगी और कुछ बड़ी हस्तियों सहित मुम्बई में उसके संबंधों के बारे में संकेत दिए थे.
औतलहा कराची से विमान के जरिए मुम्बई आई थी. दूसरी बार वह वाघा सीमा के जरिए भारत आई. वह पहली बार 2007 में आई थी और हेडली के साथ ताज महल होटल तथा बाद में ओबेराय ट्राइडेंट में ठहरी थी. इन दोनों आलीशान होटलों को नवम्बर 2008 में मुम्बई आतंकी हमलों के दौरान निशाना बनाया गया था.
औतलहा मई 2008 में वाघा सीमा के जरिए दूसरी बार भारत आई और सीधे मनाली गई जहां उसने एक यहूदी घर के नजदीक छुट्टी मनाई और बाद में उसने शिमला तथा कुफरी सहित आसपास के क्षेत्रों का भ्रमण किया.
उसने दावा किया था कि उसने हेडली से इसलिए तलाक लिया क्योंकि उसके बहुत सी औरतों से संबंध थे. जांचकर्ताओं को उससे इस बारे में भी जानकारी मिली कि हेडली के मुम्बई में कई महत्वपूर्ण लोगों से संबंध थे.