प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी ने अन्ना हजारे के सहयोगियों के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर कोयला ब्लॉकों के आवंटन में अनियमितता बरतने के मामले की जांच कराने की मांग पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि अन्ना सरल इंसान हैं लेकिन वह राष्ट्र विरोधी तत्वों से घिरे हुए हैं.
उन्होंने शनिवार को कहा, 'अन्ना सरल इंसान हैं. लेकिन वह राष्ट्र विरोधी तत्वों से घिरे हुए हैं. मैं बताना चाहूंगा कि अरविंद केजरीवाल ने अन्ना हजारे के अनशन के समय भारी मात्रा में धन अर्जित किया. उस पैसे का क्या हुआ यह किसी को नहीं मालूम है.'
अन्ना की एक अन्य सहयोगी किरण बेदी की आलोचना करते हुए नारायणसामी ने कहा, 'किरण बेदी पर संस्थानों से धन लेने का आरोप है. वह बैठक में भाग लेने के लिए हवाई जहाज की इकोनॉमी क्लास में यात्रा करती थीं और पैसे बिजनेस क्लास की वसूलती थीं. जब आरोप सिद्ध हो गया तो उन्होंने पैसे वापस कर दिए. यह चरित्र है.'
उन्होंने कहा कि जहां तक काला धन विदेशों से वापस लाने के मुद्दे बाबा रामदेव के आंदोलन की बात है, उसपर सरकार पहले ही संसद में श्वेत पत्र पेश कर चुकी है और विदेशी बैंकों में जमा काले धन को वापस लाने के लिए प्रयास किया जा रहा है.
नारायणसामी ने कहा, 'बाबा रामदेव की क्या छवि है यह सभी जानते हैं.' उन्होंने पूर्ववर्ती राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर कोयला ब्लॉकों के आवंटन में पारदर्शिता न बरतने का आरोप लगाया और कहा, 'हमारी सरकार पारदर्शी सरकार है. प्रधानमंत्री 2004 में कोयला ब्लॉकों के आवंटन में पारदर्शिता चाहते थे. राजग सरकार के समय यहां कोई पारदर्शिता नहीं थी.'