गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर से शुरू किया गया उपवास समाप्त कर दिया. मोदी ने संतों के हाथों से जूस पीकर उपवास तोड़ा. उपवास तोड़ने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उपवास भले ही समाप्त हो गया हो लेकिन यह सद्भावना मिशन तेज गति से बढ़ेगा और यह आज से ही शुरू हो गया है.
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उन्होंने कहा कि यह केवल उपवास नहीं है बल्कि पूर्णता की ओर जाने का उपक्रम है. मोदी ने आगे कहा, 'किसी ने कल्पना नहीं की होगी कि सद्भावना मिशन का विचार न सिर्फ गुजरात को, पूरे देश को आंदोलित कर देगा.' सद्भावना मिशन से लोगों का लगाव बना और लोग इससे जुड़े. मोदी ने कहा, आम आदमी मौजूदा व्यवस्था से तंग और भ्रष्टाचार से त्रस्त है. इसलिए हमें परिवर्तन लाना है.
देशवासियों के नाम नरेंद्र मोदी की चिट्ठी
उन्होंने कहा कि तन मन धन सब देश के लिए है और यह राजनीति से नहीं होता. उन्होंने कहा, मैंने जनता की सेवा में जीवन लगाया. मोदी ने कहा कि हर चीज को राजनीति से तोलने की जरूरत नहीं है क्योंकि राजनीति से ऊपर राष्ट्रीनति से होती है.
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उन्होंने जोर देकर कहा कि इस सद्भावना मिशन और उपवास की प्रेरणा राष्ट्रनीति ही है. उन्होंने कहा कि सपने संजोना देश के लिए जरूरी है और हमें परिवर्तन लाना है.
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गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा, 'मेरा मंत्र 6 करोड़ गुजराती हैं, मैं गुजरातियों के लिए काम करता हूं. उन्होंने कहा कि गुजरात में अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक में कोई भेद नहीं हैं. मैं जन मन का पुजारी हूं और जनता का सपना मेरा सपना है.