सत्ता से बेदखल मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कहा कि देश में राजनीतिक संकट के प्रति भारत के रुख से वह अब ‘अधिक संतुष्ट हैं’ क्योंकि भारत ने स्थिति को शांत करने के लिए कदम उठाते हुए अपने विदेश सचिव को भेजा है.
नशीद ने माले स्थित भारतीय उच्चायोग में विदेश सचिव रंजन मथाई से लगभग एक घंटे तक बैठक करने के बाद वहां से निकलते हुए कहा, ‘यह बहुत आशाजनक रही.’
मथाई ने माले पहुंचने के कुछ ही देर बाद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद हसन से बुधवार शाम में उनके आवास पर मुलाकात की. दोनों के बीच बैठक लगभग एक घंटे तक चली.
नशीद ने पहले देश के राजनीतिक संकट को लेकर भारत की ओर से अपनाये गए रुख को लेकर निराशा जतायी थी लेकिन उन्होंने कहा कि वह ‘अब अधिक संतुष्ट हैं.’ यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने मथाई से अपनी नाखुशी जतायी, उन्होंने कहा, ‘अब मैं पूरी तरह से समझता हूं कि चीजों में कैसे उचित तालमेल बैठाया जा सकता है और अब मैं अधिक संतुष्ट हूं.’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह भारत से संतुष्ट हैं, नशीद ने कहा, ‘मैं अब भारत से अधिक संतुष्ट हूं और मेरा मानना है कि भारतीय मालदीव के लोगों का सर्वोत्तम हित चाहते हैं.’ मथाई विशेष विमान से पहुंचे हैं. वह गुरुवार को और लोगों से मुलाकात करेंगे.
गत सप्ताह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने विशेष दूत एम गणपति को यहां भेजा था. विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) ने हसन और नशीद दोनों से बातचीत करके यहां स्थित जटिल स्थिति का शांतिपूर्ण हल निकालने का अनुरोध किया था.
नशीद के राष्ट्रपति पद से हटने के बाद मालदीव में अमेरिका सहित विभिन्न देशों की ओर से कई राजनयिक यात्राएं हुई हैं. नशीद और उनके समर्थकों ने यहां घटनाओं पर भारत सरकार की ओर से अपनाये गए रुख को लेकर निराशा जतायी था. नशीद देश के नये नेतृत्व के साथ भारत के संबंध को लेकर भी नाखुश थे.