नक्सलियों ने अगवा जिलाधिकारी को छोड़ने के लिए शर्तों में संशोधन करते हुए विनायक सेन से संबंधित मामले अपनी मांगों को लिस्ट से हटाया. हालांकि उन्होंने एक नई मांग को इस लिस्ट में जोड़ दिया है. नक्सलियों ने कोंटा ब्लॉक में कांग्रेस नेता पर हमले के मामले में आरोपियों के नाम वापस लिए जाने को अपनी शर्तों में जोड़ दिया है.
इससे पहले छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से अपहृत जिलाधिकारी एलेक्स पाल मेनन को रिहा करने के बदले नक्सलियों के अपने आठ साथियों को छोड़ने और आपरेशन ग्रीनहंट बंद करने की मांग रखी थी. नक्सलियों ने अपनी मांगें पूरी करने के लिये राज्य सरकार को 25 अप्रैल तक का समय का अल्टीमेटम दिया है.
राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि नक्सली नेताओं ने कुछ संवाददाताओं को अपना रिकार्ड किया हुआ बयान जारी कर अपनी मांगों से अवगत कराया है.
अधिकारियों ने बताया कि प्राप्त जानकारी के अनुसार नक्सलियों ने जिलाधिकारी की रिहाई के बदले आपरेशन ग्रीनहंट बंद करने, क्षेत्र में तैनात सुरक्षा कर्मियों को वापस बैरक में भेजने, फर्जी मामलों में जेलों में बंद लोगों को रिहा करने और अपने आठ साथियों (मरकाम गोपन्ना उर्फ सत्यम रेड्डी, निर्मल अक्का उर्फ विजय लक्ष्मी, देवपाल चन्द्रशेखर रेड्डी, शांतिप्रिय रेड्डी, मीना चौधरी, कोरसा सन्नी, मरकाम सन्नी और असित कुमार सेन) की रिहाई की मांग की है.
नक्सलियों ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को 25 अप्रैल तक का समय दिया है तथा इसके बाद वे जिलाधिकारी का फैसला जन अदालत में करेंगे.