चंद्रमा की सतह पर पहली बार कदम रखने वाले मानव ने आज अंतिम सांस ले ली. अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री के तौर पर वर्ष 1969 में चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले इंसान नील आर्मस्ट्रांग का 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया.
अमेरिकी मीडिया की खबरों के अनुसार, आर्मस्ट्रांग की कुछ हफ्ते पहले हृदय की सर्जरी हुई थी और उनके परिवार ने एक बयान में कहा कि हृदय संबंधी समस्याओं के चलते उनका निधन हो गया. उन्होंने पांच अगस्त को 82वां जन्मदिन मनाया था.
आर्मस्ट्रांग अपोलो 11 अंतरिक्षयान में सवार हुए थे जो 20 जुलाई 1969 को चंद्रमा पर उतरा था. उनके साथ एक अन्य अंतरिक्षयात्री एडविन एल्ड्रिन भी थे.
आर्मस्ट्रॉंग और एल्ड्रिन ने हालांकि करीब तीन घंटे तक चंद्रमा पर चहलकदमी की, लेकिन जायंट लीप के प्रतीक के तौर पर चर्चा हमेशा आर्मस्ट्रॉंग की हुई और कहा गया कि चंद्रमा पर पहला कदम रखने वाले मानव वही थे.
पृथ्वी के उपग्रह से आई ऐतिहासिक खबर में आर्मस्ट्रॉंग को रेडियो पर यह कहते हुए उद्धृत किया गया मानव के लिए यह भले ही छोटा कदम है लेकिन संपूर्ण मानवजाति के लिए यह एक बड़ी छलांग है.
एनबीसी ने अपनी खबर में कहा है कि आर्मस्ट्रॉंग और उनकी पत्नी कैरोल ने 1999 में विवाह किया था. उन्होंने इंडियन हिल के सिनसिनाटी उपनगर में अपना घर बनाया लेकिन हालिया वषरें में वह लंबे समय से लगभग गुमनाम से थे. अपोलो 11 यान में आर्मस्ट्रांग, बज एल्ड्रिन और माइकल कोलिंस सवार थे और इस यान ने चंद्रमा तक पहुंचने के लिए करीब चार लाख किमी की दूरी तय करने में चार दिन लिये थे.
आर्मस्ट्रांग के परिवार ने एक बयान में कहा ‘हमें एक बहुत अच्छे व्यक्ति के निधन का दुख है लेकिन हमें उनकी शानदार जिंदगी पर गर्व है और आशा है कि यह दुनियाभर के युवाओं में मेहनत करके अपने सपने साकार करने के लिए उदाहरण साबित होगी.’ आर्मस्ट्रांग 38 याल के थे जब उन्होंने चंद्रमा पर पहला कदम रखा.
चंद्रमा पर उनका उतरना ऐसे वक्त हुआ जब महाशक्ति अमेरिका और सोवियत संघ के बीच अंतरिक्ष में प्रतिद्वंद्विता छिड़ी थी और चंद्रमा पर पहुंचने से अमेरिका को शीत युद्ध के अपने शत्रु के खिलाफ बड़ी बढत मिली. आर्मस्ट्रांग के निधन की खबर फैलते ही पूर्व अंतरिक्षयात्री के लिए भावभीनी श्रद्धांजलियों का तांता लगना शुरू हो गया.