अपने भतीजे राज ठाकरे पर परोक्ष वार करते हुए शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने कहा है कि अपने चाचाओं को सफलता मिलते देख भतीजों में गुदगुदी होती है.
महाराष्ट्र के राजनीतिक परिवारों में भतीजों मिसाल के तौर पर राज ठाकरे, अजीत पवार (शरद पवार के भतीजे) और गोपीनाथ मुंडे से नाराज उनके भतीजे धनंजय के उदय के बारे में पूछे जाने पर ठाकरे ने कहा, ‘उनके सिर पर नेतृत्व का भूत चढ़ जाता है. जब वह देखते हैं कि उनके चाचाओं की जनता के बीच वाहवाही हो रही है तो उनमें गुदगुदी (गुलगुली) होती है.’
एक मराठी समाचार चैनल को दिये साक्षात्कार में शिवसेना प्रमुख ने कहा, ‘राज उन लोगों में है, जो हमसे अलग हो गये. उसको मातोश्री (बांद्रा स्थित शिवसेना प्रमुख का आवास) में ढाला गया.’ यह पूछे जाने पर कि क्या राज लौटकर आयेंगे, ठाकरे ने कहा, ‘चाहना एक बात होती है. लेकिन अंतत: ठाकरे खून जो है.’
शिवसेना प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि राज ने एक बार कहा था कि यदि उसके और उसके चचेरे भाई उद्धव के बीच राजनीति आयी तो वह राजनीति छोड़ देगा. राज द्वारा छह साल पहले गठित पार्टी के बारे में उनके विचार पूछे जाने पर ठाकरे ने कहा, ‘मुझे एमएनएस की ओर देखने की जरूरत नहीं है. मेरे पास मेरी शिवसेना है.’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा, ‘नेतृत्व एक सस्ती चीज बन गयी है. कोई भी नेता बन सकता है.’