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मोबाइल फोन रेडिएशनः नए नियम लागू

सरकार ने हैंडसेट और मोबाइल टावर से होने वाले रेडिएशन को कम करने के लिए शनिवार से नये नियम लागू कर दिये हैं.

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मोबाइल टावर
मोबाइल टावर

सरकार ने हैंडसेट और मोबाइल टावर से होने वाले रेडिएशन को कम करने के लिए शनिवार से नये नियम लागू कर दिये हैं. मोबाइल बनाने और टावर लगाने वाली कंपनियों को उन तमाम निर्देशों का पालन करना होगा, जो सरकार ने जारी किए हैं.

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इसकी वजह से नेटवर्क में थोड़ी दिक्कत आ सकती है पर आपकी सेहत सेफ रहेगी, ये तय है. हर वक्त आपके साथ रहने वाला मोबाइल फोन अब ज्यादा सुरक्षित होगा यानी इसका इस्तेमाल करते वक्त अब आपको ज्यादा टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं क्योंकि नये रेडिएशन स्टैंडर्ड के मुताबिक मोबाइल हैंडसेट से निकलने वाली रेडिएशन की लिमिट 1.6 वॉट प्रति किलोग्राम कर दी गई है जो पहले 2 वॉट प्रति किलोग्राम थी.

सीधा मतलब है मोबाइल के इस्तेमाल से अब आपकी सेहत को खतरा कम है. साथ ही मोबाइल हैंडसेट बनाने वाली कंपनियों को अब हैंडसेट की एसएआर वैल्यू भी बतानी होगी. इसके अलावा कंपनियों को हैंडसेट के साथ एक बुकलेट भी देनी होगी जिसमें तमाम एहतियात लिखे होंगे.

हैंडसेट्स के अलावा सरकार ने मोबाइल फोन टावर्स से निकलने वाले रेडिएशन को मौजूदा लेवल से 1 दहाई कम करने का अहम फैसला किया है. मोबाइल टावर को लगाने के लिए भी डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं.

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इनके मुताबिक टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर को स्थानीय प्रशासन या राज्य सरकार से सिंगल विंडो क्लीयरेंस लेना पड़ेगा. राज्य पर्यावरण या वन विभाग से क्लीयरेंस के साथ बिल्डिंग ओनर से मिली नो ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट जरूरी होगा. इसके अलावा 5 मीटर या उससे कम की संकरी गलियों में टावर नहीं लगाएं जाएंगे.

ज़मीन या छत दोनों पर बने टावर्स पर लगे एंटीना के ठीक सामने इमारत नहीं होनी चाहिए.

सभी सर्विस प्रोवाइडर्स को ये गाइडलाइंस माननी होंगी और इनको न मानने पर एक टावर पर 5 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है.

हालांकि सरकार का कहना है कि अभी तक ऐसी कोई रिसर्च सामने नहीं आई है जिसमें मोबाइल फोन और मोबाइल टावर से ख़तरे की बात सामने आई हो लेकिन एहतियात के तौर पर सरकार ने बेहद सख्त नियमों को अपनाने का फैसला किया है.

 

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