बिहार के पिछड़ेपन के लिए 20 वर्ष की पूर्ववर्ती सरकारों को आड़े हाथ लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कहा कि केवल बातें बनाने और खोखले वादे करने से प्रदेश का विकास नहीं होगा.
भभुआ में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में एक चुनाव सभा में सोनिया ने कहा, ‘बिहार को आगे ले जाने के लिए निष्ठा और समर्पण की जरूरत है. केवल बातें बनाने और खोखले वादों से प्रदेश का विकास नहीं होने वाला है.’
उन्होंने कहा जनता से कहा, ‘बिहार में पिछड़ेपन के हालात को बदलने के लिए चुनाव में इस बार आपके पास मौका है. पिछली सरकारों ने आपकी उपेक्षा की है. यहां कृषि से आपके लिए बहुत उम्मीदे हैं, लेकिन लेकिन सिंचाई की सुविधा नहीं होने से खेती का विकास नहीं हो रहा है.’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि विकास और उद्योगों के मामले में आपका क्षेत्र बहुत पिछड़ा हुआ है. बिजली की कमी ने खेती और उद्योगों को चौपट कर दिया है. पूरे राज्य गरीबी और पिछड़ापन की गिरफ्त में है.
उन्होंने जनता से सवाल किया, ‘आपको सोचना होगा कि बीते 20 वर्षों में आपके राज्य ने उतनी तरक्की क्यों नहीं की, जितनी अन्य राज्यों ने की.’ नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए सोनिया ने कहा, ‘राजग सरकार ने वादे तो बहुत किये. खोखले वादे किये. आपको सुनहरे सपने भी दिखाये, लेकिन असलियत आपके सामने है.’ उन्होंने कहा कि बिहार में बेरोजगारी कम नहीं हुई है. लोगों को अब भी काम की तलाश में बाहर जाना पड़ता है.{mospagebreak}
सोनिया ने कहा कि बिहार के नौजवान यहां से बाहर जाते हैं और उंचे उंचे पदों पर पहुंच जाते हैं आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन अपने ही क्षेत्र में उनका भविष्य अंधेरे में रहता है. जगजीवन राम द्वारा शुरू की गयी दुर्गावती सिंचाई परियोजना की उपेक्षा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘यहां की सरकार की उपेक्षा की वजह से कुछ नहीं हुआ है. इस परियोजना को लेकर पता नहीं क्या राजनीति चल रही है?’
उन्होंने कहा कि जब से कांग्रेस के नेतृत्व में केंद्र में संप्रग की सरकार बनी है तब से राज्यों को हर संभव मदद दी गयी, लेकिन गैर कांग्रेसी सरकारों ने योजनाओं को नजरंदाज किया है.
सोनिया ने कहा, ‘केंद्र की संप्रग सरकार ने देश के चौतरफा विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की है. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सुनिश्चित करने के लिए मनरेगा, शहरी विकास के लिए जवाहरलाल नेहरु शहरी पुननिर्माण मिशन और गांवों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भारत निर्माण योजना के लिए केंद्र सरकार ने हजारों करोड़ रुपये बिहार को दिये है, लेकिन ये कहते हैं कि कुछ नहीं मिला है.’
उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा दिये गये धन का इस्तेमाल यहां कहीं नजर नहीं आता है. अगर उन पैसों का सही इस्तेमाल हुआ होता तो उसका असर आपके क्षेत्र पर दिखाई देता.