राजग के प्रमुख सहयोगी दल जदयू के साथ बढ़ते तनाव के बीच भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने एक बयान जारी कर सभी पार्टी नेताओं और गठबंधन सहयोगियों से अनुरोध किया है कि गठबंधन से जुड़े मुद्दों पर बोलते समय संयम बरतें.
गडकरी के बयान को भाजपा के सचिव बलबीर पुंज द्वारा सोमवार को जदयू के खिलाफ की गयी टिप्पणी की पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है. पुंज ने कहा था कि भाजपा ने किसी को यह विचार करने का काम नहीं सौंपा है कि पार्टी में प्रधानमंत्री पद के लिए कौन ठीक है और कौन धर्मनिरपेक्ष है.
गडकरी ने कहा कि भाजपा का मानना है कि राजग में राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर अलग अलग राय होने के बावजूद गठबंधन ने ऐतिहासिक भूमिका अदा की है और देश को मौजूदा समस्याओं से निकालने के लिए गठबंधन ऐसा करता रहेगा. उन्होंने कहा कि राजग का प्रत्येक सहयोगी दल अन्य गठबंधन सहयोगियों द्वारा अपनाये रुख का परस्पर सम्मान करता है.
गडकरी ने कहा कि मैं सभी पार्टी पदाधिकारियों और राजग में अन्य मित्रों से अनुरोध करता हूं कि राजग से जुड़े मुद्दों पर बोलते समय संयम बरतें.
सूत्रों ने बताया कि गडकरी का बयान जदयू और भाजपा के खराब होते रिश्तों के माहौल के बीच आया है. यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब जदयू ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए आम.सहमति की वकालत करते हुए संप्रग के उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी को समर्थन करने की बात कही जबकि भाजपा चुनाव लड़ने के पक्ष में थी.
तकरार उस समय और बढ़ गयी जब बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू नेता नीतीश कुमार ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिये बिना एक तरह से उन पर निशाना साधते हुए कहा कि राजग का प्रधानमंत्री पद का दावेदार धर्मनिरपेक्ष तथा सभी सहयोगियों को स्वीकार्य होना चाहिए.
दोनों दलों में बढ़ते तनाव के बीच जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने सोमवार को गडकरी से इस मामले में बातचीत की और दोनों ने बढ़ते विवाद को शांत करने पर सहमति जताई.
राजग के संयोजक की भी जिम्मेदारी निभा रहे यादव ने पुंज के बयान पर कहा कि भाजपा सांसद, जो गुजरात के लिए अपनी पार्टी के मामलों को भी देखते हैं, उनके ऐसे असमय और अतार्किक बयान की जरूरत क्या थी. मैंने भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी से बातचीत की है. उन्हें इस तरह के लोगों को रोकना चाहिए. इस तरह की अनावश्यक बातें नहीं होनी चाहिए. इससे पहले जदयू नेता शिवानंद तिवारी ने भी बयान देकर दोनों दलों के बीच रिश्तों में खटास पैदा कर दी थी.