हाल के दिनों में अपने विवादास्पद बयानों के जरिए देश की सियासत में उबाल पैदा करने वाले सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने कहा है कि रक्षा मंत्रालय से उनके संबंध खराब नहीं हैं.
जनरल वीके सिंह ने कहा है कि देश की तीनों सेनाएं पूरी तरह से किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं. हर मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखने वाले वीके सिंह ने कहा कि अन्याय करना और अन्याय सहना, दोनों ही गलत है.
जनरल वीके सिंह ने साथ ही यह भी कहा कि रक्षा मंत्री एके एंटनी का सशस्त्र बलों को समर्थन को लेकर बहुत ही ‘स्पष्ट रुख’ है.
वीके सिंह ने गुरुवार को अपनी सेवानिवृत्ति से पहले पुणे में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमारे और रक्षा मंत्रालय के बीच कोई गलतफहमी नहीं है. सेना सरकार का हिस्सा है. हम एक हैं. हम जो भी कहते हैं उस पर गौर किया जाता है. प्रक्रियाएं हैं. कभी कभी आप सोचते हैं कि चीजों में विलंब हो रहा है क्योंकि कोई उस पर ध्यान नहीं दे रहा है. यह सही नहीं है और ऐसा नहीं है.’
वीके सिंह ने एंटनी के बारे में कहा, ‘हमारे रक्षा मंत्री का सशस्त्र बलों का सहायता करने को लेकर बहुत ही स्पष्ट रुख है.’
उनसे जुड़े विवादों के बारे में पूछे जाने पर जनरल वीके सिंह ने कहा, ‘कुछ विवाद गढ़े गए थे. कुछ विवाद उभर आये. कुछ विवादों के लिए मेरे मीडिया मित्रों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिनकी कल्पना शक्ति इतनी अधिक है कि उन्हें हर झाड़ी के पीछे भूत नजर आता है.’
जनरल सिंह ने कहा, ‘मैं यह कहना चाहूंगा कि इसने मुझे बिल्कुल भी चिंतित नहीं किया. किसी ने मुझसे कहा कि बहुत सारे लोग आपका अपमान करते हैं. वास्तव में आप उन अपमान के लायक हैं, यदि आप उन पर प्रतिक्रिया जताते हैं. यदि आप उन अपमानों को लेकर चिंतित नहीं हैं, तो उन पर प्रतिक्रिया नहीं करिये.’
उनके उस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि लेफ्टिनेंट जनरल (अवकाशप्राप्त) तेजिंदर सिंह ने उन्हें ‘घटिया स्तर’ के ट्रक सौदे को मंजूरी देने के लिए 14 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी, सेनाध्यक्ष ने कहा, ‘मैं उस पर प्रतिक्रिया नहीं करना चाहता, जो तेजिंदर सिंह ने किया है. हममें से जो लोग उन्हें अच्छी तरह से जानते हैं, यह जानते हैं कि वह किस तरह के प्रयास करते हैं, वह क्या करने के प्रयास करते रहे हैं और वह क्या करते रहे हैं.’
जनरल सिंह ने कहा, ‘यह उन्हें फटकारने और कुछ करने का मंच नहीं है. वह जितना नीचे जाना चाहते हैं वह जा सकते हैं.’
तेजिंदर सिंह ने सेनाध्यक्ष की ओर से अपने खिलाफ लगाये गए सभी आरोपों से इनकार किया है. सेनाध्यक्ष ने यह भी कहा, ‘मैं इस बात को लेकर काफी आश्वस्त हूं कि जो व्यक्ति उस तरह के प्रयास करता है उसे स्वत: ही अपनी गलतियों का एहसास होगा.’
सेना की तैयारियों के बारे में प्रधानमंत्री को लिखा गया पत्र लीक होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘वह पत्र गोपनीय था. मैं उसके बारे में चर्चा नहीं करना चाहता.’
जनरल सिंह ने कहा कि उन्होंने सेना को भविष्य के लिए और अधिक प्रभावी, मुस्तैद और फिट बनाने के लिए एक लक्ष्य तय किया था. उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि हमने सेना को उस रास्ते पर डाल दिया है. वह ऐसा कुछ नहीं था जिसे एक या दो वर्ष में हासिल किया जा सकता था. यह 15 से 20 वर्ष में हासिल होगा. मैं इस बात को लेकर पूर्ण रूप से आश्वस्त हूं कि यह जारी रहेगा.’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सेना ‘गैर-राजनीतिक’, ‘पूर्ण रूप से धर्मनिरपेक्ष’ और ‘निष्पक्ष’ है. उन्होंने कहा कि सेना जो निश्चित करती है वह करती है.
उन्होंने कहा, ‘यह मेरी सेना या किसी अन्य की सेना नहीं. देश के रूप में हमें अपनी सेना पर गर्व होना चाहिए.’ उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना चाहिए. उन्होंने महात्मा गांधी को उद्धृत करते हुए कहा, ‘गांधीजी ने कहा था कि गलत करना और गलत बर्दाश्त करना दोनों ही गलत है..हम इसे लेकर एकजुट हैं.’
गौरतलब है कि वीके सिंह 31 मई को ही रिटायर हो रहे हैं. उनकी उम्र को लेकर हुए विवाद में सुप्रीम कोर्ट को निर्देश देना पड़ा था. साथ ही, घूस की पेशकश मामले की जांच सीबीआई कर रही है.