चीन के साथ अमेरिकी राजनयिक सम्बंधों की ऐतिहासिक शुरुआत के सूत्रधार, वयोवृद्ध अमेरिकी राजनयिक हेनरी किसिंगर ने इस बात से इनकार किया है कि अमेरिका ने 1971 में पश्चिमी पाकिस्तान पर किसी हमले को रोकने के लिए भारत के साथ गुप्त समझौता किया था.
दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर कटु टिप्पणियों के लिए भारत में कुख्यात रहे किसिंगर ने यह कहते हुए इस धारणा को तोड़ने की कोशिश की कि उनका हमेशा से यह विचार था कि वह (इंदिरा गांधी) 'एक अत्यंत सशक्त और दूरदर्शी महिला थीं.'
इंडिया टूडे कॉनक्लेव 2012 में शुक्रवार रात अपना वक्तव्य देते हुए, नोबेल पुरस्कार विजेता किसिंगर ने कहा, 'भारत और पूर्व सोवियत संघ उस समय तक एक गठबंधन बनाने के करीब थे. यह पश्चिमी पाकिस्तान के संरक्षण के लिए अमेरिका के राष्ट्रीय हित में था.'
किसिंगर, रणनीतिक समुदाय में व्याप्त उस धारणा पर प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे थे, जिसमें यह समझा जाता रहा है कि 1971 के युद्ध के बाद, जिसके कारण पाकिस्तान का विभाजन हुआ और बांग्लादेश अस्तित्व में आया, अमेरिका ने भारत से कहा था कि वह पश्चिमी पाकिस्तान पर हमला न करे. चूंकि भारतीय सेना चार दिसम्बर, 1971 को पूर्वी पाकिस्तान में आगे बढ़ रही थी, लिहाजा उस समय तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन ने गनबोट कूटनीति को अपनाया और परमाणुयुक्त विमानवाहक पोत, यूएसएस इंटरप्राइज के नेतृत्व में सातवां बेड़ा बंगाल की खाड़ी में भेज दिया.
किसिंगर ने कहा, 'प्रत्येक पक्ष ने वही किया था, जो उसे करना चाहिए था. प्रत्येक पक्ष ने अपने राष्ट्रीय हित के लिए कार्रवाई की थी, जो संक्षिप्त समय के लिए आपस में टकराए थे.' किसिंगर ने इंदिरा गांधी के बारे में अपने उस बहु उद्धृत विचार को बदलकर भारत में कइयों को चकित कर दिया.
किसिंगर के ये विचार राष्ट्रपति निक्सन के कार्यकाल के दौरान के व्हाइट हाउस के टेपों का 2005 में खुलासा होने के बाद सार्वजनिक हुए थे. किसिंगर ने कहा कि इंदिरा गांधी के प्रति उनके भीतर सर्वोच्च सम्मान रहा है.
उन्होंने कहा, 'मैं दबाव में था और वे टिप्पणियां मैंने उस समय के गरमागर्म वातावरण में की थी. लोगों ने उन टिप्पणियों को गलत संदर्भ में लिया.' किसिंगर (89) ने कहा कि वह (इंदिरा) एक अत्यंत सशक्त महिला थीं, जिन्होंने भारत के राष्ट्रीय हित में काम किया और जहां तक विदेश नीति का सवाल है, वह एक दूरदर्शी महिला थीं.