शुरुआती हिचक तथा बाद में सरकारी हस्तक्षेप के चलते ओएनजीसी में पांच प्रतिशत सरकारी हिस्सेदारी की बिक्री अंतत: सफलतापूर्वक संपन्न हो गई. इस प्रक्रिया से सरकारी खजाने को करीब 12,600 करोड़ रुपये मिलेंगे और सरकार मौजूदा वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य को कुछ हद तक हासिल कर पायेगी.
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने इसे काफी सफल बताया और उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ताजा आंकड़ों के अनुसार ओएनजीसी शेयरों की बिक्री से 12,666 करोड़ रुपए मिलेंगे.
बीएसई और एनएसई ने देर रात एक संयुक्त बयान में कहा कि ओएनजीसी के शेयरों की बिक्री पूरी हो गयी. बयान के अनुसार 42.77 करोड़ शेयरों की पेशकश की गयी थी और कुल मांग 42.04 करोड़ शेयरों की रही. बयान के अनुसार सरकार को इन शेयरों की बिक्री से 12,666 करोड़ रुपए मिलेंगे.
सरकार ने इस नीलामी में 42.77 करोड़ शेयरों की पेशकश की थी और नीलामी समाप्त होने के समय शेयर बाजारों में नीलामी आंकड़ा लगभग 22.9 करोड़ शेयरों का दिखाया जा रहा था. लेकिन बाद में स्टाक एक्सचेंज ने भी कहा कि निर्गम को पूर्ण अभिदान मिला है. इसके लिए न्यूनतम मूल्य 290 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था.